एसआईटी की जांच में खुलेंगे कई अधिकारों के पोल।
नागपूर जिल्हे के भूसंपादन विभाग में बड़ा घोटाला ; अरबों के मुआवजे वितरण में अफसरों ने किया ‘खेल’?
इस घोटाले के खेल में कई तहसील के बड़े बड़े अधिकारी होने की शंका..
केंद्र और राज्य सरकार के तिज़ोरी से अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट बनाकर निकलवाए अरबों रुपये?
भाग १
नागपुर – नागपुर जिल्हे के सन २०१९ से २०२३ तक कई तहसील कार्यालय अंतर्गत सड़क चौड़ीकरण में हाईवे रोड से लेकर रेलवे लाईन चौड़ीकरण में गई किसानों की खेती, लेआउट और अन्य जगहों के भूमि अधिग्रहण किये गए जिसके एवज में कई किसानों एवं अन्य लोगों को मुआवजा वितरण भी किया गया है परंतु कुछ भूमि धारकों में मोटा मुआवजा मिलने की लालसा में अधिकारीयों और दलालों के सांठगाठ से फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ो रूपये सरकार के तिजोरो से लुटे है? साथ ही मुआवजा वितरण के लिए धारकों से मोटी रकम भी ली जा रही है ऐसी चर्चा जोरों पर है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नागपुर जिले की कुछ तहसील क्षेत्रों में जमीन अधिग्रहण की गई परंतु मोटी रकम की लालसा में कुछ अधिकारी जिस्मे मौदा, कळमेश्वर, हिंगना और रामटेक के दिग्गज अधिकारियो के मिली भागात से और एक दुसरे अधिकारियो अच्छे ताल मेल के चलते बढ़िया साठगाठ कर बड़े आसानी से सरकार के तिजोरी से बड़े पैमाने में पैसे निकलवा रहे है।
भूमि अधिग्रहण में दि गए कई जमीनों के मुआवजा में फर्जी दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट बनाकर अरबों रूपये के घोटाला होने की संभावना बताई जा रही है इस घोटाले में कई अधिकारियों ने बनाया सिंडिकेट, दलालों द्वारा बनाए गए फर्जी दस्तावेज के आधार पर केंद्र और राज्य सरकार से अरबों रूपये पर हाथ साफ किये जाने के जानकारी सामने आ रही है. फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर मुआवजे में अफसरों ओर दलालों की मिलीभगत से लाखों के मुआवजे को करोड़ो में तब्दील किया गया है? इस फर्जीवाड़े में नागपुर जिल्हे के नगर रचना विभाग के अधिकारी, कई उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदारों, कर्मचारियों और दलालों का समावेश होने की शंका जताई जा रही है।
जल्द ही एक शिष्ट मंडल भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में हुए घोटाला, भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा की संयुक्त जाँच के लिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेन्द्र फडणवीस , प्रवर्तन निदेशालय विभाग, मुंबई ( ED ) और पुलिस आयुक्त नागपुर इन्हें कार्यवाही हेतु ज्ञापन सौपने वाली है.
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