– अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर की GIC के साथ मिलकर ब्लैकस्टोन हल्दीराम स्नैक्स फूड (HSFPL) के शेयरों का एक बड़ा हिस्सा खरीदी की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। दुनिया के सबसे बड़े निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन की अगुआई वाले समूह ने भारत की सबसे बड़ी स्नैक और कन्वीनियंस फूड कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पेश किया था।
नागपुर / नई दिल्ली :- दुनिया की सबसे बड़ी निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन के नेतृत्व में एक निवेशक समूह ने हल्दीराम स्नैक्स फूड (HSFPL) में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी सम्बन्धी क़ानूनी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं ?
HSFPL देश की सबसे बड़ी स्नैक्स और कन्वीनियंस फूड कंपनी है।
सूत्रों के अनुसार, ब्लैकस्टोन के साथ अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर सरकार की GIC भी इस सौदे में शामिल हैं। यह सौदा 8.1 बिलियन डॉलर का होने की जानकारी मिली है। यह इसे भारत के FMCG सेक्टर में सबसे बड़ा अधिग्रहण बना देगा।
हल्दीराम भारत में एक बड़ा ब्रांड है। यह कंपनी नमकीन, चिप्स, मिठाई और बेवरेज सहित अलग-अलग प्रकार के स्नैक्स और फूड आइटम बनाती है। कंपनी की स्थापना 1937 में हुई थी।
ब्लैकस्टोन और उसके पार्टनर हल्दीराम में 74-76 फीसदी हिस्सा खरीदा। इसका अनुमानित मूल्य 8 से 8.5 अरब डॉलर (66,400-70,500 करोड़ रुपये) है। ADIA और GIC ब्लैकस्टोन के ग्लोबल फंडों में लिमिटेड पार्टनर्स या स्पॉन्सर्स के रूप में हिस्सा लेते हैं। अगर सौदा आगे बढ़ता है तो यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा निजी इक्विटी अधिग्रहण होगा।
बढ़ भी सकता है सौदे का आकार !
नागपुर स्थित हल्दीराम समूह के निकटवर्ती के अनुसार, कोई भी लेनदेन नागपुर और दिल्ली समूहों के बीच वर्तमान में चल रहे सफल विलय पर निर्भर है। इसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की ओर से अनुमोदित योजना के हिस्से के रूप में किया गया है। अगले तीन से चार महीनों में इसके पूरा होने की उम्मीद है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पिछले साल अप्रैल में विलय को मंजूरी दे दी थी।
ब्लैकस्टोन ने अपने कनाडाई और अन्य एशियाई लिमिटेड पार्टनर्स (LPs) से भी संपर्क किया है। शेयर की कुल राशि बढ़ सकती हैं।
हालांकि, सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव के चलते अंतिम समझौता होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेन कैपिटल ने अतीत में हल्दीराम के साथ कई बार चर्चा की थी। वर्तमान में भी वह प्रतिस्पर्धा में शामिल है।
100 देशों में कंपनी के ऑपरेशन
स्नैक फूड बिजनेस 500 तरह की वस्तुओं जैसे स्नैक्स, नमकीन, मिठाई, रेडी-टू-ईट और प्री-मिक्स्ड फूड, कुकीज, नॉन-कार्बोनेटेड रेडी-टू-ड्रिंक पेय पदार्थ और पास्ता का उत्पादन और वितरण करता है। यह बिजनेस करीब 100 देशों में संचालित होता है। इसमें कई संचालन फ्रैंचाइजी के जरिये किए जाते हैं। इनमें ब्रिटेन, अमेरिका और जापान के स्थान शामिल हैं। इस सौदे से 1,800 करोड़ रुपये के रेस्तरां कारोबार को बाहर रखा गया है। पिछले साल मई में केके चुटानी को हल्दीराम का सीईओ नियुक्त किया गया था। पहली बार कंपनी ने किसी पेशेवर को कमान सौंपी थी। चुटानी पहले डाबर इंटरनेशनल के सीईओ थे।
उल्लेखनीय यह है कि इसी समूह की कोलकाता इकाई इससे दूर है और स्वतंत्र भी.नागपुर जैसे शहर में हल्दीराम समूह की सबसे बड़ी खामिया है कि उनके पास किसी भी इकाई/ब्रांच में PARKING न के बराबर हैं.
अब देखना यह है कि HANDOVER और TAKEOVER प्रक्रिया कब तक होती है और इसके बाद क्या हल्दीराम के BRAND की वर्त्तमान गुणवत्ता को नया समूह टिका पाएगी या और ऊँचा उठा पाएगी।
– राजीव रंजन कुशवाहा