नागपुर :- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने दोपहिया वाहनों में उत्सर्जन (Emission) नियंत्रण उपकरण की प्रभावशीलता की जांच करने वाले ‘सेंसर’ की आवश्यकता को दो साल के लिए टाल दिया है।
मंत्रालय ने ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स (OBD) के दूसरे चरण के तहत मोटरसाइकिल और स्कूटर के विनिर्माताओं के लिए जरूरी इस आवश्यकता की समयसीमा को अप्रैल 2025 तक बढ़ा दिया है। इसे पहले एक अप्रैल, 2023 से लागू किया जाना था।
ओबीडी (OBD) की आवश्यकताओं में से एक उपकरण को दोपहिया के क्लस्टर में सेंसर लगाना है। यह सेंसर वाहन चालक को बताता है कि ‘कैटेलिटिक कनवर्टर’ सही दक्षता पर काम कर रहा है या नहीं।
कैटेलिटिक कनवर्टर दरअसल एक वाहनों के साइलेंसर में लगने वाला उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण है, जो इंजन से निकलने वाली गैस में जहरीली गैसों और प्रदूषकों को कम करने में मदद करता है।
इस संबंध में मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सेंसर की आवश्यकता को टाल दिया गया है। उन्होंने कहा, “कैटेलिटिक कनवर्टर के प्रदर्शन की जांच करने के लिए सेंसर लगाने की जरूरत को 2023 में पूरा करना था। अब इसे एक अप्रैल, 2025 तक टाल टाल दिया गया है। विनिर्माताओं को अभी भी ओबीडी के दूसरे चरण की अन्य आवश्यकताओं का पालन करना होगा।”
अधिकारी ने कहा कि हितधारकों के साथ परामर्श के बाद इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। यह केवल एक आवश्यकता है जिसे टाला गया है, अन्य जरूरतों का अनुपालन किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार, कई विनिर्माताओं द्वारा इस संबंध में व्यापक परीक्षण किया गया था लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं थे।
इस निर्णय को लेकर फ्लैश इलेक्ट्रॉनिक्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक संजीव वासुदेव ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि सरकार ने इसे दो साल के लिए टाल दिया है। नहीं तो यह दोपहिया उद्योग के लिए एक बड़ा झटका होता।”
एक और दोपहिया कंपनी के अधिकारी ने कहा, “मामला कुछ समय से चर्चा में है। नई तारीख उद्योग के साथ चर्चा के बाद तय की गई हैं और यह यूरोप में इसके लिए तय समय सीमा के अनुरूप हैं।