– स्नेहसंमेलन में मार्गदर्शन करते हुए प्राचार्य के उद्गार
– रागिट महाविद्यालय में वार्षिक स्नेहसंमेलन का भव्य आयोजन
रामटेक -: रविकांत रागिट कॉलेज ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन रामटेक और दमयंतीताई देशमुख डी.एड. और बी.एड. संस्था के विद्यार्थीओ के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने वाले संस्थाध्यक्ष रविकांत रागीट और प्रधानाचार्या जयश्री देशमुख के मार्गदर्शन में 24 से 26 जनवरी के बीच तीन दिवसीय वार्षिक स्नेहसंमेलन का आयोजन किया गया था ।
वार्षिकोत्सव के पहले दिन सभी खेल आयोजन हुए। साथ ही दूसरे दिन विभिन्न कला प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही वार्षिक स्नेहसंमेलन के आखिरी दिन 74 वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया गया. ध्वजारोहण डॉ. विशाल कामदार ने किया। गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष आकर्षण के रूप में पोशाक प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी । इसमें विद्यार्थियों ने भारत के सभी धर्मों-संप्रदायों-जातियों को अपनी वेशभूषा के माध्यम से प्रदर्शित किया। इसके तुरंत बाद वार्षिक बिरादरी का पुरस्कार वितरण शुरू किया गया। कार्यक्रम के पीठासीन अधिकारी के रूप में निदेशक प्रमोद रायपुरकर उपस्थित रहे। साथ ही डॉ. विशाल कामदार, प्राचार्य राजू बर्वे (नेशनल मॉडल ज्यूइश कॉलेज रामटेक), प्राचार्य दीपक मोहोड (नंदीवर्धन जूनियर कॉलेज नगरधन), विभागाध्यक्ष स्वतंत्रता कामदार (ताई गोलवलकर कॉलेज रामटेक) मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस दौरान प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों के भाषणों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। गौरतलब है कि नंदीवर्धन जूनियर कॉलेज, नगरधन के प्राचार्य दीपक मोहोड़ ने गलत रास्ते अपनाने वाली युवा पीढ़ी को खडेबोल सुनाया । उन्होंने भाषण के अंत में छात्रों से अपील करते हुए ‘ काम ऐसा करो कि तुम्हारा नाम हो जाये’ ऐसा कहा । इसके बाद सभी विजेताओं को गणमान्य व्यक्तियों की ओर से सम्मान बैज एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। रामटेक के पत्रकार पंकज बावनकर, जगदीश सांगोडे, अवि शेंडे, राजू कापसे को इस अवसर पर बुके और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो निकिता अंबादे ने किया। आभार प्रदर्शन प्रो. ज्ञानेश्वर नेवारे ने किया । कॉलेज में विभागाध्यक्ष प्रो. उर्मिला नाइक, प्रो. चेतना ऊके, प्रो. गंगा मोंधे, प्रो. डाली कलामकर, प्रो. शालू वानखेड़े, प्रो. किरण शेंद्रे, प्रो. कला मेश्राम, प्रो. मयूरी टेंभुरने, गीता समर्थ, प्रो. ज्ञानेश्वर नेवारे, प्रो. अनिल मिरासे, अतुल बुरडकर, सुरेश कारेमोरे, राजेंद्र मोहनकर, संदीप ठाकरे, जयश्री कामडी, राष्ट्रपाल मेश्राम, शामलाल मेश्राम, सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाया।