Wcl प्रशासन और ठेकेदारों को बदनाम करने की साजिश !

कुछ अराजक तंत्वो से वेकोली को हो रही है लाखो की हानी.

सोशल मीडिया का दुरुपीयोग करनेवाले पर कठोर कारवाई की मांग.

नागपुर :- एक तरफ कोलइंडिया व सरकार को फायदा हो इसलिए अधिकारी अपने कार्य का निर्वाहन अपना गांव छोड़कर, शहर से दूर रहकर देश की प्रगति हो इस कोशिश मे तत्पर रहते है। कंपनी को फायदा कराने की भूमिका सदैव लेते है।और दूसरी ओर कुछ वर्गाें के लोग अपने निजी स्वार्थ हेतू ट्रांसपोर्टर एव ठेका संचालको को बदनाम करने की भूमिका में है, उन्हें डरा धमकाकर अपनी गैर वाजिब मतलब मनवाने को अपना रोजगार समझ लिए बैठे है.

निर्धारित दर में कोयला देने के करार मे CIL ने बिजली बनाने वाली सरकारी औऱ प्राइवेट कंपनीयो से निश्चित दर में बिजली लेने का वादा लिया है जिसका पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है और बिजली ठीक दरों में मुहैया करवाई जा रही हैं।

ताप गृह में कोयला पीस कर उसका चुरा कर भाप द्वारा बिजली की निर्मिति की जाती हैं, वे.को .ली. से जो कोयला लिया जाता है उसे ठेकेदारों द्वारा रोड मार्ग से परिवहन किया जाता है, कोयले की निरंतर आपूर्ति होती रहे इस प्रयास में ठेकेदार अपने साथ और दूसरे ट्रांसपोर्टर को जोड़ता है बैंकों से कर्ज लेकर गाड़ियां खरीदकर लोगों को जोड़कर काम को पूरा करने में जुट जाता है और आपूर्ति किसी भी तरह ना रुके इसका दबाव कंपनी द्वारा हमेशा उसपर बना रहता है क्योंकि ऐसा ना होने पर उसके हाथ से काम छिन सकता है और यह तनाव हमेशा बना रहता है. काम छुट जाने के डर में कर्जा चुकता करना, जुड़े हुए लोगों को समय से पैसो का भुगतान करना यह अवस्था भी बनी रहती है.

इन्हीं तनावपूर्ण परिस्थितयों का फायदा उठाने के मकसद से समाज के यह अराजक तत्व ठेकेदारों पर दबाव बनाते हैं, उन्हें बदनाम कर उनके काम छिन जाने का डर बनाया जाता है और अनैतिक मांगों को मनवाया जाता है, इस दबाव की स्थिति में कुछ ठेकेदार इनकी मांगे मान लेते हैं कि हम बर्बाद ना हो जाए और जो इनकी अनैतिक मांगे नहीं मानते उनके बारे मे यह लोग उल्टा-सीधा छापते हैं क्युकि इन्होंने इसे अपना पेशा बना के रखा है और रोज़गार का एक ज़रिया बना के रखा है.

इसी तरह इन्होंने दीपक सिंग जिनके द्वारा Gondegaon के कोयला ढुलाई काम का संचालन किया जा रहा है, इस काम मे उन्होंने क्षेत्र के स्थानिक Single truck owner/ truck owners को काम मे अपने साथ जोड़ा हैं उन पर भी इन लोगों द्वारा दबाव डाला जा रहा है और उनकी अनैतिक माँग रखी जा रही है जिसपर मना करने पर उल्टा-सीधा उनके संबंध में छापा जा रहा है, उन्होंने कानून की इस विषय में मदद लेने की प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

ट्रांसपोर्टर पर अपना कार्य सही ढंग से निर्वाहन करने का दबाव हमेशा बना रहता है, क्यूंकि उससे जुड़े लोगो का घरबार व कामकाज अच्छी तरह से चले और बैंकों का भारी कर्ज की भरपाई की जिम्मेदारी भी पूरी होती रहे.

पर कुछ वर्ग के छुट भैया नेता औऱ पत्रकार ट्रांसपोर्टर के इसी मानसिक दबाव को अपने निजी स्वार्थ के लिये उनकी खुद की जरुरतों कों पूरा करने के लिए रोजगार का माध्यम बना लेते है यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है.

कोई भी काम में छोटी मोटी दुर्घटना होना आम बात है पर इन्हीं बातों को बढ़ा चढ़ाकर झूठ बोलकर अथवा प्रकाशित करके ट्रांसपोर्टर पर भयावह मानसिक दबाव बनाते है और जो इनसे डर जाता है उससे इनका यह रोजगार पूरा होने लगता है.

इसके पहले भी इन लोगों ने कई लोगों को त्रस्त किया है और इनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज है पर किसी भी तरह की कठोर कार्यवाही इनपर नहीं हुई है, अपनी ऊँची पहचान से ये लोग बचने का साधन ढूंढ लेते है जिससे इनका मनोबल इस तरह के गलत काम करने में और बढ जाता है.

दीपक सिंग एवं उनके सहकारिओं को दबाव डालकर डराया धमकाया व बदनाम किया जा रहा है सोशल मिडिया के माध्यम से कुछ तथ्यों को न जानते हुये सिर्फ और सिर्फ उनकी छवी धुमील करने की भूमिका ली जा रही है।

Information Technology -Act 505 के तहत ऐसे समाज विघातक कार्य करने वाले पर शासन प्रशासन कठोर कार्यवाही कर ट्रक चालक व मालक को न्याय प्रदान करें ऐसी अपील इनके द्वारा की गयी है. समस्त प्रिंट मिडिया व टेलिविजन मिडिया को जानकारी एवं उचित कार्यवाही हेतु प्रेषिक की गई है।

इसके पूर्व कई, नामचीन कंपनीया गोंडेगांव प्रो. मे काम करने आयी उन्हें भी प्रताडित कर भगाया गया। क्षेत्र में रोजगार के नाम पर कुछ छुट भैया नेता एवं कुछ सोशल मिडिया के अनधिकृत चैनल पर खुद को बादशाह समझने वाले लोगों के कारण क्षेत्र का विकास रुका पड़ा है इस वजह से कई उद्योगपति / व्यापारी क्षेत्र में आना पसंद नही कर रहे है.

यही लोगो ने वे. को. लि प्रशासन को प्रताडित कर करोडो, लाखो रुपये अर्जित किए हैं हजारो की चीज लाखो में करोडो मे वे. को. लि . प्रबंधन को पहनाने वालो में से एक यह भी है और यही आज न्याय संगत बाते करे तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नही होगा।

कुछ विश्वसनिय सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है नागपूर Area wcl क्षेत्र मे एक ही परिवार के अंगीनत लोगो को वेकोली प्रबंधन मे नौकरी है, क्या यह लोग पहले से जमीनदार है यह भी एक बडा सवाल है.? यह लोग कुछ वर्ष पहले आए और बसे हुये लोग है इन्होंने सरकार या बैंक से कोनसा लोन लिया, कौनसा व्यपार किया, यह भी जाँच एजंसियो के जाँच का विषय है। Wcl planning Commission की गोपनीय जानकारिया चुराकर सरकार को चूना लगाने का पराक्रम भी नागपूर एरिया wcl परिक्षेत्र में किया गया। क्या WCL के वरिष्ट अधिकारीयो को इसकी जानकारी है या नही यह जाँच का विषय है ।

भारत सरकार की जांच एजंसिया जब से मोदी सरकार आई है तब से निक्षपक्ष काम कर रही है, इस संदर्भ में भी निक्षपक्ष ता से जांच की जाये एसी अपील करते है.

देश मे हर घर बिजली पहुॅचाने का अभियान को भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनेक बिजली उत्पादन करने वाली कंपनीयो का निर्माण किया गया, देश में कोई घर बिजली से वंचित ना रहे इसलिये wcl/Coal India स्तर पर कोयले की आपूर्ति निजी कंपनीयो को दिया जाये जिससे बिजली उत्पादन बढेगा सभी उद्योगी को भी बिजली की आपूर्ति होगी और इसी कडी में गोंडेगॉव प्रो. मे देश को बिजली आपूर्ति करने की भूमिका ली गई पर कुछ सरकार विरोधी ताकते यह महत्वपूर्ण महत्वकांक्षी योजना को बर्बाद करने पर तुले है।

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