बच्चों को कल से लगेंगे टीके

नई दिल्ली – कोविड-19 टीकाकरण का विस्तार करते हुए भारत में इस हफ्ते से 12-14 साल के बच्चों को भी टीके लगाने की शुरुआत की जा रही है जिसके तहत बायोलॉजिकल ई द्वारा तैयार किए गए कोर्बेवैक्स टीके की दो खुराक दी जाएगी।
60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत करने की घोषणा की है जिसमें अन्य बीमारियों से ग्रस्त होने जैसी शर्तें खत्म कर दी गई हैं।
16 मार्च से 12-13 साल उम्र वर्ग के और 13-14 साल उम्र वर्ग के बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत होगी। इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों एहतियात के तौर पर टीके की खुराक दी जाएगी। मैं बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों के परिवारों से गुजारिश करता हूं कि वे टीका लगवाने अवश्य जाएं।’ उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक संस्थाओं के साथ बातचीत करने के बाद 16 मार्च से 12-14 साल के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण करने की शुरुआत करने का फैसला किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस उम्र वर्ग के देश में 7.1 करोड़ बच्चे हैं। ऐसे में इस उम्र वर्ग के लिए कोर्बेवैक्स की 14.2 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। हालांकि केंद्र ने इस उम्र वर्ग में केवल कोर्बेवैक्स टीके के इस्तेमाल के फैसले की कोई वजह नहीं बताई है। 15-17 साल के बच्चों को केवल कोवैक्सीन दिया जा रहा है जिसे भारत बायोटेक ने तैयार किया है।
कोर्बेवैक्स टीके को सुरक्षित समझा जा रहा है लेकिन हमें इस बात का अंदाजा नहीं है कि यह उतना प्रभावी है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘हम यह जानते हैं कि बच्चों में टीका लगाने के लिए कोर्बेवैक्स सुरक्षित है। हालांकि क्लिनिकल स्तर पर इसके असर के डेटा नहीं हैं क्योंकि आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए परीक्षण किया गया जिसमें कोर्बेवैक्स और कोविशील्ड की प्रतिरोधक क्षमता के बीच तुलना की गई।’
पहले के टीके को करीब 30,000-40,000 लोगों में क्लिनिकल प्रभाव के चलते मंजूरी मिली थी लेकिन यह इसके लिए संभव नहीं था क्योंकि जब परीक्षण हुआ तब शायद ही कोविड-19 के मरीज अध्ययन के लिए उपलब्ध थे।
टीका बच्चों में ऐंटीबॉडी प्रतिक्रिया लाता है लेकिन ये कितने प्रभावी हैं इसके बारे में हम नहीं जानते हैं। हालांकि ये टीके बच्चों में बीमारी से बचाव में कितने कारगर हैं यह समझने के लिए हमें उन सभी बच्चों से जुड़े प्रभावी डेटा संग्रह किया जाना चाहिए जिनको कोर्बेवैक्स दिया जाएगा। यह कई लाख बच्चों में किया जाना चाहिए। ऐसा कोविन को कोविड-19 जांच डेटा के साथ जोड़कर आसानी से किया जा सकता है।’
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों मेंं इस्तेमाल के लिए चुनिंदा टीके को मंजूरी दी है जिनमें बायोलॉजिकल ई के आरबीडी प्रोटीन टीका कोर्बेवैक्स के अलावा कोवोवैक्स (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया गया नोवोवैक्स टीका), जायकोव-डी (जायडस लाइफसाइंसेज) और कोवैक्सीन जैसे टीके शामिल हैं। टीका उद्योग के सूत्रों का कहना है कि यह फैसला इस वजह से लिया गया क्योंकि केंद्र के पास कोर्बेवैक्स का बड़ा भंडार है।

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