कड़वा सत्य : भाजपा उम्मीदवार नितिन गडकरी की हैट्रिक पर शनि : बुरे फंसे सीधी लड़त में !

– साढ़े 6 लाख मत से ज्यादा नहीं मिलेगा, लगता है, बड़बोलापन कहीं भारी न पड़ जाए ?

नागपुर – “इस बार लोकसभा चुनाव में न प्रचार करूँगा, न दर-दर वोट मांगूंगा, न बैनर-पोस्टर लगाऊंगा, न चाय पानी का खर्चा दूंगा, जिसे वोट देना है, वह मेरे काम पर मुझे वोट दे अन्यथा न दे !” उक्त भीष्म प्रतिज्ञा वाला बयान आये दिन सार्वजानिक मंच से भाजपा उम्मीदवार पिछले 4-6 माह से देते आ रहे हैं. लगता है, इनकी नज़र में किसी भी पक्ष के नगरसेवक हो,सब भ्रष्टाचारी हैं?. सिर्फ खुद ईमानदार हैं.

अब जब भाजपा ने पुनः जैसे तैसे उम्मीदवारी दी ‘गडकरी जी’ की “भीष्म प्रतिज्ञा” अलमारी में बंद कर अब उनको तो सोशल मीडिया से लेकर मीडिया मैनेजमेंट का उच्च कोटि का प्रबंधन किया, पल पल की घटना को प्रचारित कर रहे है, आवेदन भरने के दिन किस क्राउड पुलिंग के तहत भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन की यह सभी समर्थकों को भलीभांति मालूम हैं.

अब नेताजी हर किसी से मिल रहे,कल तक चुनिंदा लोगों से मिलने वाले, रात दिन सभी को तुच्छ लेखित करने वाले, अब प्रत्येक गली कूचे की खाक छान रहे लेकिन कड़वा सत्य यह है कि आंकड़ों का सही अनुमान लगाकर चुनावी पंडित बड़े दम से कह रहे है कि भाजपा उम्मीदवार नितिन गडकरी को इस बार मात्र साढ़े 6 लाख के ऊपर वोट नहीं मिलने वाली, इन्हें सिर्फ हिंदी भाषी, मारवाड़ी, गुजराती, पंजाबी, कुछ छत्तीसगढ़ी, कुछ प्रमाण में हलबा, तेली, माली, ब्राह्मण, सवर्ण आदि का मतदाताओं लाभ मिल सकता है, बशर्ते पूरा जोर लगा ले !

चुनावी पंडित सप्रमाण कहते है कि इन्हें सरकारी कर्मियों का मत न के बराबर मिलेगा,क्यूंकि पिछले 10 साल से इन्हें व्यक्तिगत या सार्वजानिक तौर पर आलसी, भ्रष्टाचारी कह कर नीचा दिखाते आ रहे हैं. हलबा समाज को लगभग हर चुनाव में ‘गोली’ देते आ रहे हैं. इस बार बसपा ने दलित या मुस्लिम उम्मीदवार न देते हुए, सीधे ‘हलबा कोष्ठी’ समाज के पूर्व नगर सेवक और मंजे हुए खिलाड़ी योगीराज लांजेवार, जिनका उत्तर और मध्य नागपुर के साथ साथ अन्य सभी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में तगड़ा संपर्क है, को उम्मीदवारी देकर लगता है कि गडकरी की नींद उड़ाकर राह में अड़चन पैदा करने की कोशिश की है.

अक्सर देखा गया है कि अबतक बसपा, वंचित, आप, वामपंथी, ओवैसी की पार्टी कांग्रेस के लिए ‘वोट कटुआ’ उम्मीदवारों को खड़ा कर कांग्रेसी उम्मीदवारों की राह में अक्सर रोड़ा डालते रहे. पर इस बार मुकाबला गडकरी ~ ठाकरे के बीच लगभग सीधे सीधे हो चुका है और यही ‘विकास’ के विजय में मिल का पत्थर साबित होने जा रहा है !

उत्तर प्रदेश में विगत वर्ष रमजान के काल में अतीक अहमद की खुले आम हत्या और अब कुछ दिनों पूर्व मुख़्तार अंसारी की संदिग्ध मौत का असर भी पड़ेगा ? इसका जवाब हां में देना होगा, इस बार मुस्लिम मतदाता में भारी रोष जताया जा रहा है जिससे रिकॉर्ड वोटिंग प्रतिशत ८०% को पार करेगा?

विकास ठाकरे किस्मत के हैं धनी !

वही दूसरी ओर कांग्रेस के तथाकथित स्थानीय दिग्गज नितिन-विलास-सतीश का एकजुट होना, उनके स्वार्थ को दर्शा रहा है, इनकी एकजुटता के पीछे तीनों का एक ही मकसद हैं पुत्र मोह, तीनों को अपने अपने राजनैतिक उत्तराधिकारियों को MLA  बनाना हैं, इसलिए गडकरी से पंगा लेना उचित नहीं समझा और एकजुट होकर विकास ठाकरे को ‘बलि का बकरा’ बनाने की कोशिश की पर विकास चुनावी अखाड़े के महारथी निकले, लगता है उन्होंने इस बार “वोट कटुवा” पहले ही निपट लिए !

लेकिन गोटी खेलने के चक्कर में उक्त कोंग्रेसी तथाकथित नेता भूल गए कि उनकी एकजुटता से विकास ठाकरे को जाने अनजाने में बड़ा फायदा होने जा रहा हैं. ठाकरे न सिर्फ गडकरी की हैट्रिक रोक रहे है बल्कि ८ से ९ लाख के आसपास मत लेकर नागपुर विदर्भ में नया कीर्तिमान बनाने जा रहे हैं.

चुनावी अखाड़े पंडितो का सबल गणित है की पूरे विपक्षी ताकद के उम्मीदवार विकास ठाकरे की स्थिति जातिगत समीकरण में बहुत भारी है, वैसे भी नागपुर कांग्रेस का पूर्व में लगातार गढ़ रहा है , प्रमुख वजह है की शहर में ६ लाख दलित वोट, साढ़े ३ लाख मुस्लिम वोट, साढ़े ४ लाख कुनबी-मराठा वोट और कांग्रेस की परंपरागत डेढ़ लाख वोट के अलावा कांग्रेस के तेली समाज के नेताओं ने महनत की तो तेली समाज के कुछ % वोट सह विकास के संपर्क के गैर मराठी वोट मिलने के प्रबल संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता हैं, जिससे विकास चुनावी अखाड़े में सीधे मुकाबले ने धीरे धीरे भारी विजय की ओर बढ़ रहे है !

चुनावी अखाड़े के महारथी याद दिला रहे हैं कि विकास ठाकरे जैसे कोंग्रेसी उम्मीदवार को उनके सहज स्वभाव के कारण और गडकरी को निपटाने वाले उनके ही पक्ष के नेता/पदाधिकारी/कार्यकर्ता सहयोग करने वाले है, इससे गडकरी भलीभांति वाकिफ हैं, इसलिए अब प्रचार में पुरजोर जुटे है .

नेताजी अब इससे निपटने के लिए ‘दादा’ जैसों का सहारा जरूर ले रहे लेकिन उनका खर्च व्यर्थ में जाने वाला हैं. यह भी कड़वा सत्य है कि इस दफे प्रकाश आंबेडकर कांग्रेस उम्मीदवार को सीधा समर्थन देकर और MIM, आप, वामपंथी के मतदाताओं पूरे ताकद से विकास के प्रति रुझान गडकरी के लिए सीधे तौर पर भारी पड़ सकता हैं.

कहीं ख़ुशी तो कहीं गम 

चुनावी अखाड़े के पंडितो का कहने पर विचार करे तो “गडकरी हारे और विकास जीते” तो सबसे ज्यादा खुश दिल्लीश्वर मोदी-शाह होंगे, इन्हें हरा कर दिल्ली पहुँचने वाले विकास को मोदी-शाह कुछ ज्यादा ही तरजीह देंगे, बतौर विपक्षी सांसद, देश का मध्य स्थल नागपुर, आरएसएस गढ़ नागपुर को तवज्जों देंगे।

दूसरी ओर गडकरी की हार ज्यादा दुःखी कोंग्रेसी तिकड़ी के अलावा तेली-हिंदी भाषी तबके के नेता होंगे, यह चुनावी अखाड़े के पंडितो का सबल गणित कैसे नकारा जा सकता है ?

Contact us for news or articles - dineshdamahe86@gmail.com

Next Post

दक्षिण नागपुरात विकास ठाकरेंची जन आशीर्वाद यात्रा; नागरिकांकडून जल्लोषात स्वागत

Tue Apr 2 , 2024
नागपूर :- लोकसभा निवडणूकीची घोषणात होताच उमेदवारांनी प्रचाराचे बिगुल वाजवले आहे. इंडिया आघाडीतील भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसचे अधिकृत उमेदवार विकास ठाकरे यांनीही आज (१ एप्रिल) रोजी दक्षिण नागपुरातून आपल्या जन आशीर्वाद यात्रेद्वारे नागरिकांशी संवाद साधला. तसेच त्यांच्या समस्या ऐकून घेत सोडविण्याचे आश्वासन दिले. यावेळी नागरिकांकडूनही ठाकरे यांचे जल्लोषात स्वागत करण्यात आले. शहरात विकासाच्या नावावर होत असलेला पर्यावरणाचा ऱ्हास, मुलभूत सुविधांचा अभाव […]

You May Like

Latest News

The Latest News

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com