मध्य प्रदेश – उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने अमेज़न ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गांजा आपूर्ति के मामले में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा दायर एक रिट याचिका पर आज सुनवाई करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। आज की सुनवाई न्यायमूर्ति जी एस अहलूवालिया की एकल पीठ ने की।
कैट का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील सुश्री शिल्पी जैन ने किया, जिन्होंने कोर्ट की निगरानी में जांच की दलील देते हुए कहा की क्योंकि यह बेहद संवेदनशील मामला है, इसलिए इस मामले की जाँच कोर्ट की निगरानी में होनी चाहते । उन्होंने दलील देते हुए इस मामले को मामले को अंतर-राज्यीय प्रकृति बताया और कहा की इसलिए ये उचित होगा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा इसकी एक अलग जांच की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति अहलूवालिया ने मामले की लंबी सुनवाई की और मप्र राज्य की ओर से पेश हुए वकील ने याचिकाकर्ता कैट के अधिकार क्षेत्र पर आपत्ति जताई, जिसे पीठ ने खारिज कर दिया था।
कैट ने 7 दिसंबर 21, को एक रिट दायर की थी जिसपर आज सुनवाई हुई। इस मामले में मप्र पुलिस अब तक अमेजन ई-पोर्टल के जरिए बेचे जाने वाले विशाखापत्तनम पुलिस द्वारा जब्त 48 किलो गांजा समेत करीब 70 किलो गांजा जब्त कर चुकी है. मध्य प्रदेश और विशाखापत्तनम दोनों जगहों से अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किये गए है। 11 नवंबर को मप्र पुलिस ने गांजा रैकेट का भंडाफोड़ किया था और एमपी सरकार ने डीआईजी मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में इस पूरे मामले में एक एसआईटी का गठन भी किया , मनोज कुमार सिंह ने इस रैकेट का खुलासा तब किया था जब वह भिंड मप्र के एसपी थे।
कैट की वकीलों की टीम भी अदालत के समक्ष पेश हुई, जिनमें सांसद राजीव शर्मा के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता और अधिवक्ता क्रांति मिलिंद, अबीर रॉय, श्रद्धा दुबे, शिखा मखीजा और अन्य शामिल थे।