श्री आयुर्वेद महाविद्यालय में हनुमान कथा जारी
नागपुर :-कलियुग के सभी शारीरिक, मानसिक कष्टों को दूर करने के लिए श्री हनुमानजी का नामस्मरण सदैव फलदायी है। काम, क्रोध, लोभ आदि मानसिक रोगों का उपचार सत्संग से होता है। हनुमानजी सबसे बड़े डॉक्टर हैं। उक्त आशय के उद्गार मध्यप्रदेश में रायसेन जिले के मांगरोल स्थित प्रज्ञा शक्तिपीठ की महंत डॉ. प्रज्ञा भारती ने हनुमान कथा के दौरान कहे । हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर 6 अप्रैल तक हनुमान नगर स्थित श्री आयुर्वेद महाविद्यालय के परिसर में श्री सिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान कथा का आयोजन किया गया है।
डॉ. भारती ने आगे कहा कि मंगलमूर्ति हनुमान सदैव संकटमोचन के रूप में स्मरण किये जाते हैं। प्रभु श्रीराम जी केे भी संकट के समय श्री हनुमान जी संकटमोचन के रूप में उपस्थित थे। सीता माता की खोज के समय, संजीवनी बूटी को लाने के समय, शक्ति लगने पर लक्ष्मण जी की चिकित्सा के लिए लंका से वैद्य सुशेन को लाने के कठिन कार्य हनुमानजी द्वारा सम्पन्न हुए। इसीलिए हनुमानजी को संकटमोचन के नाम से जाना जाता है।
हनुमान कथा के प्रारंभ में आयोजन समिति के डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय , श्री आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहन येवले ने व्यासपीठ का पूजन किया एवं कथा वाचिका डॉ. प्रज्ञा भारती का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कथा का समय दोपहर 4 से 7 बजे का रखा गया है। कथा के विविध कार्यक्रमों की जानकारी डॉ. गायत्री व्यास ने दी।
हनुमान कथा की सफलतार्थ डॉ. रामकृष्ण छांगाणी, संजय जोशी, डॉ. संतोष शर्मा, नथमल अग्रवाल, डॉ. अर्चना दाचेवार, डॉ. मृत्युंजय शर्मा, डॉ. बृजेश मिश्रा, डॉ. हरीष पुरोहित, डॉ. शिल्पा वराडे, हरीओम दुबे, डॉ. विनोद चौधरी, डॉ. देवयानी ठोकल, डॉ. अश्विन निकम, डॉ. उदय पावडे, डॉ. अर्चना बेलगे, डॉ. सुरेखा लांडगे, अंजनकर, डॉ. सुरेश खंडेलवाल, डॉ. जगमोहन राठी, डॉ. रचना रामटेके, डॉ. स्नेहविभा मिश्रा, महाविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. आदित्य हटवार, डॉ. जयकृष्ण छांगाणी व डॉ. कल्पेश उपाध्याय प्रयासरत हैं।