-शिकायत पीछे लेने के लिए हलचलें तेज
नागपूर – वेकोलि महाप्रबंधक बल्लारपुर एरिया की कोयला अंचल मे तीन वाहनापूर्ति ठेका फर्मों के सर्वेसर्वा संदीपकुमार गुप्ता अब कार्यवाई के भय से आपसी समझौता के लिए श्रमिकों के समक्ष गिडगिडाना शुरु है? बताते है कि वह श्रमिकों को बकाया भुगतान के लिए तैयार हो गया है?इस वाहन माफिया के कार्यालयीन सूत्रों की माने तो अन्य वाहन एजेन्सियों के सामने E.S.I.C. चोरी मे लिप्त गुप्ता अपनी साख बचाने के उद्देश्य से डींगे मारता फिर रहा है कि मै पैसे बाला करोडपती आदमी हूं? मै आफिसरों और युनियन वालों को जगह पर खरीद सकता हूं?मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता है!वह अपनी बरावरी वालों से कहता फिरता है कि आज के जमाने मे रुपया-पैसा ही सब कुछ है? परंतु कार्यवाई के भय से वह पूरी तरह खोखला होते जा रहा है!पता चला कि यह वेकोलि का कुख्यात वाहन सरगना के खिलाफ इन दिनों E.S.I.C.एवं सतर्कता विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी गुप्त जांच-पडताल की कार्यवाई से काफी हताश है? नतीजा कार्यवाई की गाज गिरने का उसे भय सताए जा रहा है? परिणामतः किसी कानूनी सलाहकार के सुझाव के मुताबिक वह एक श्रमिक यूनियन नेता के जरिये अपने वाहन ठेका श्रमिकों के साथ आपसी समझौता बतौर कुछ रुपये ले-देकर जांच पडताल को रफादफा करवाने की फिराक मे दिखाई दे रहा है!नतीजतन आंदोलन की राह पर उतारु श्रमिकों ने फिलहाल आंदौलन को स्थगित करने के फिराक मे है.
उधर E.S.I.C. विभाग के अनुसार श्रमिकों के साथ आपसी समझौता करने से आरोपी बचने बाला नही है? क्योंकी श्रमिकों य श्रमिक यूनियन ने तत्संबंध मे मामला दायर किया ही नही है?तो फिर यहां आपसी समझौता का प्रश्न कहां से आ गया है?परिणामतः वाहन माफिया गुप्ता बुरी तरह अपने ही बुने जाल मे फंसते ही जा रहा है? E.S.I.C. नियमों के मुताबिक वेकोलि मे कार्यरत गोंदिया की तीनों वाहन एजेन्सियों के सर्वेसर्वा संदीपकुमार गुप्ता को कर्मचारी बीमा निगम कार्यालय मे पूरा E.S.I.C. शुल्क भुगतान करना ही होगा?अन्यथा उसके उपर आर्थिक अपराध दर्ज होने वाला है?नतीजतन आर्थिक अपराध के जुर्म मे उसे जेल जाने से कोइ नही रोक सकता? गोपनीय सूत्रों की माने तो गुप्ता की तोनो वाहन एजेन्सियों की तरफ से ESIC विभाग को अभि तक बैंक अकाऊन्ट रिकार्ड नही दर्शाया जा रहा है? और वह कार्यवाई से बचने के लिये सलियत को छिपाता जा रहा है?
वेकोलि मे कार्यरत इस 3 ट्रवल्स एजेंसियों के गोंदिया रेल टोली कार्यालयीन सूत्रों के अनुसार आंदोलनकारी वाहन श्रमिकों को शांत करवाने के लिए तथा अपने उपर संभावित कार्यवाई से बचने के लिये श्रमिकों को न्यूनतम वेतन तहत पगार उपलब्ध करवाने का ड्रामा शुरु है ? बताते है कि गुप्ता की ड्रामेबाजी से फिदा होकर आंदोलन कारी श्रमिक भी चैन की सांस लेने की नौटंकी शुरु कर दी हैlअगर श्रमिकों का आंदोलन उग्र रुप लेता है तो धोखेबाज वाहन सरगना को जैल जाना पड सकता हैl वेकोलि के एरिया मैनेजर कार्यालय के सूत्रों की माने तो पिछले 15-20 सालों से गुप्ता की तीनों वाहन एजेन्सियां निविदा ठेका हासिल कर रही हैl नतीजतन उसे E.S.I.C. कार्यालय मे सविस्तर हिंसाब किताब दर्शाना पडेगा? और उसके मुताबिक E.S.I.C. शुल्क भुगतान करना ही पडेगा?
जेल जाने से बहुत डर रहा है गुप्ता
वेकोलि मे कार्यरत मिडियावाले के मुखबीरों की माने तो वाहन सरगना गुप्ता को निकट भविष्य मे आर्थिक अपराध के जुर्म मे जेल जाना ही हैl 10 साल पूर्व वह बल्लारसा पुलिस स्टेशन की न्यालयीन हिरासत मे वह धोखाधडी के मामले मे जेल जा चुका है? जिसका चंद्रपुर स्थित प्रथम श्रेणी फौजदारी न्यायालय मे मामला न्याय प्रविष्ट है! सिर्फ निर्णय का इंतजार हैl नतीजतन सजा से बचने के लिये आरोपी गुप्ता अपने वकील के माध्यम से न्यायालय को चकमा देकर विदेशों भागने की योजना बना रहा है? इस बात की भनक कोर्ट के सरकारी अभियोक्ता को लग चुकी है?परिणामतः कोर्ट का डिसीजन होते ही उसे सेंट्रल जेल जाने से कोइ नही रोक सकता है? क्योंकि E.S.I.C., E.P.F. तथा केंद्रीय श्रम आयुक्त द्वारा होने वाली न्यूनतम वेतन चोरी मामले मे सकारात्मक कार्यवाई की गाज गिर सकती है? नतीजतन गुप्ता को दो य तीन मर्तबा जेल जाना जरुरी हो गया है? वाहनापूर्ति सरगना गुप्ता करीबी सूत्रों की माने तो वह जेल जाने को डर रहा है?वह अपने बचाव के लिए फडफडा रहा है?उसकी रात की नींद हराम हो चुकी है?वह हैरान और परेशान है?बताते है कि वह जेल की परेशानियों से निजात पाने के लिए वह नशापान कर रहा है,असा करके वह घर मे परेशानी बढा रहा है?उसके बच्चे विदेशों मे पढते हैlदिवाली की सुट्टी मे गोंदिया आये थे,उन्होने अपने धोखेबाज फादर को समझाया था कि पापाजी आप ईमानदारी से अपना कार्य क्यों नही करते? मजदूरों के साथ अन्याय और आर्थिक शोषण नही करना चाहियेl परेशानी वाले धंधा छोड दीजिएगा?अन्यथा आप चले जाएंगे पापा जी तो हम आप जैसा खुशनशीव पापाजी हम कहां से लाएंगे?नतीजा वाहन सरगना गुप्ता की बौखलाहटें और तेज हो गई थी?