नागपुर – “अस्थायी आरोग्य कर्मचारियों को ESIC (कर्मचारी बीमा योजना) लागू करो – लागू करो”, “आशा” बहनो को कामगार का दर्जा देना होगा देना होगा, “पानी में कार्यरत ठेका कामगारों को किमान वेतन लागू करो – लागू करो”, “फुटपाथ दुकानदारों का फर्जी चुनाव रद्द करो रद्द करो”, “पथ विक्रेता कानून 2014 लागु करो लागू करो” आदि नारो से आज शहर के सड़के गूंज उठे. आज शुक्रवार दिनांक 24 डिसम्बर‘2022 को शहर के फुटपाथ दुकानदारों, नागपुर महानगर पालिका क्षेत्र में नागरिक प्राथमिक आरोग्य केंद्रों में कार्यरत कंत्राटी आरोग्य कर्मचारी राष्ट्रीय क्षयरोग उच्चाटन कार्यक्रम में कार्यरत कंत्राटी कामगार, “आशा” बहनों एवं पीने के पानी की योजना में कार्यरत ठेकेदार कामगारों का विशाल मोर्चा निकाला.
मोर्चे का आह्वान संयुक्त रूप से नागपुर महानगर पालिका अस्थाई आरोग्य कर्मचारी संघटना, नागपुर जिला पथ विक्रेता संघ, नागपुर महानगर पालिका ठेकेदार कामगार संघटना व साप्ताहिक बाजार विक्रेता संघ ने किया था. मोर्चे का नेतृत्व कामगार नेता भाई जम्मू आनंद ने किया. मोर्चा दोपहर 12.30 बजे बाल भवन से निकला एवं आज्ञाराम देवी चौक, कॉटन मार्केट, लोहा पुल, वैरायटी चौक होते हुए संविधान चौक पहुंचा. मोर्चे के दरम्यान संघटनो का एक शिष्टमंडल उप्पर विभागीय आयुक्त मा. संजय दीवरे से मिला और मा. मुख्यमंत्री महाराष्ट्र, आरोग्य मंत्री एवं नगर विकास मंत्री के नाम कामगारों, आशा बहनो एवं फुटपाथ दुकानदारों के ज्वलंत मांगो का एक निवेदन सौंपा गया.
शिष्टमंडल में भाई आनंद के अलावा श्री शिरीष फुलझले (मामा), सुश्री अर्चना मंगरुलकर, सुरेश गौर, नियाज़ पठान, कविता धीर, मिलिंद उके, धरती दुरुगवार, शिवा बावने, रेशमा अडागले, रुपेश सैजारे, कुंदा कोहाड़, पीर मोहम्मद, मोहम्मद शैख़, ज्योति कावरे, इंदिरा गोटाफोडे, अरविन्द डोंगरे, ममता देंगे, सतीश भेंडे, नरेंद्र पूरी, किरण वर्मा, भारती हिरेकान, शबनम शैख़, वंदना चन्ने, किरण ठाकरे, निखत सैय्यद शामिल थे. निवेदन में खास करके राष्ट्रीय आरोग्य मिशन के तहत कार्यरत नागरी प्राथमिक आरोग्य केंद्र एवं राष्ट्रीय क्षयरोग उच्चाटन कार्यक्रम में कार्यरत कंत्राटी कामगारों, पीने का पानी की योजना में कार्यरत ठेका कामगारों, फुटपाथ दुकानदारों एवं “आशा” बहनों के ज्वलंत मांगों का समावेश किया गया था.
ज्ञात रहे की हर वर्ष महाराष्ट्र सरकार का शीत सत्र नागपुर में हुआ करता था लेकिन इस वक्त किसी अपरिहार्य कारणों की वजह से शीत सत्र मुंबई में हो रहा है. अतः अप्पर विभागीय आयुक्त से आग्रह किया गया की सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु कामगारों एवं फुटपाथ दुकानदारों का निवेदन बिनाविलम्ब सरकार को भेज दे. मोर्चे को सम्बोधित करते है भाई आनंद ने पुलिस प्रसाशन द्वारा धारा 144 के नाम पर मोर्चा को रद्द करने एवं कामगारों को दाट डपट करने की भूमिका का समाचार लेते हुए सवाल खड़ा किया की खासदार महोत्सव एवं एग्रो विज़न को क्या धरा 144 लागू नहीं है? भाई आनंद ने ऐलान किया की पुलिस प्रशासन द्वारा जनवादी आंदोलन को दबाने की वृत्ति का मुकाबला सड़क के संघर्ष से किया जायेगा! मोर्चे में बड़ी संख्या में असंघठीत कामगार, “आशा” बहने एवं फुटपाथ दुकानदार बड़ी संख्या में शामिल थे.