सावनेर :- स्थानीय अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल हेती (सुरला)ने बड़ी सादगी से प्रसिद्ध कवि, लेखक, समाज सुधारक, जनकवि बाबा नागार्जुन को उनकी पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा नागार्जुन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन से हुआ। स्मिता अटालकर, रंजना ठाकुर ,हेमा जोध एवं प्रणाली हिवरे की प्रमुख उपस्थिति में विद्यार्थियों ने बाबा नागार्जुन की कविताओं का पाठ किया। रंजना ठाकुर ने बाबा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धक जानकारी दी, कि कैसे वैद्यनाथ मिश्र, यात्री से बाबा नागार्जुन बने और साहित्य के क्षेत्र को अपनी अमूल्य सेवाएं प्रदान की।
‘हजार -हजार बाहों वाली’ , ‘सतरंगे पंखों वाली’ ,’खिचड़ी विप्लव देखा हमने’, ‘युग धारा’,’इस गुब्बारे की छाया में’,’संग तुम्हारे साथ तुम्हारे’,’जंगल में’जैसी अनेक कविताएं आज भी सुनाई जाती है। बाबा नागार्जुन ने मैथिली, हिंदी, संस्कृत एवं बांग्ला भाषा में कविताएं लिखी।
प्राचार्य राजेंद्र मिश्र ने कहा कि नागार्जुन ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समकालीन व राजनीतिक विसंगतियों पर जबरदस्त प्रहार किया था। जनपदीय संस्कृति व लोकजीवन उनकी कथाओं में झलकता है। उन्होंने गरीब, मजदूर ,किसान की पीड़ा को मुख्य रूप से आवाज दी। नागार्जुन की साहित्यिक संवेदना कबीर और निराला की परंपरा की है। ‘अल्हड़’, ‘फक्कड़’ और ‘बेबाक’ नागार्जुन की रचनाएं सत्ता और सामंतवाद के खिलाफ आवाज उठाती है व उनसे तीखे सवाल करती है। व्यंग उनके व्यक्तित्व में संभवतः सम्मिलित था। स्कूली विद्यार्थियों ने भी काव्य पाठ किया। कक्षा आठवीं से नेहाल महाजन एवं कक्षा सातवीं से जाह्नवी कुथे और आराध्य चिमलवार ने बाबा नागार्जुन के जीवन पर प्रकाश डाला एवं उनकी रचनाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. आशीष देशमुख ,कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद बाबू देशमुख प्रतिष्ठान ने स्कूल के उपक्रम की सराहना करते हुए बाबा नागार्जुन को श्रद्धांजलि अर्पित की।