पुणे :- राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की एक टीम ने नागपुर के समता सहकारी बैंक से 145 करोड़ रुपये का गबन करने वाले एक भगोड़े आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि भगोड़ा आरोपी पिछले 17 साल से पुणे, मुंबई और तेलंगाना में अपनी पहचान छिपा रहा है.
गिरफ्तार आरोपी की पहचान विजयकुमार रामचन्द्र दायमा (रेस्ट. फेयर व्यू सोसाइटी, गोदावरी होम्स, हैदराबाद) के रूप में हुई है। नागपुर में समता सहकारी बैंक के अधिकारियों, कर्मचारियों, बैंक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, निदेशक मंडल ने फर्जी ऋण प्रकरण प्रस्तुत कर 145 करोड़ 60 लाख रुपये का गबन किया था. इस मामले में 2007 में नागपुर के सीताबर्डी थाने में 57 लोगों के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. वित्तीय हेराफेरी की हद को देखते हुए मामले की जांच नागपुर पुलिस ने सीआईडी के नागपुर कार्यालय को सौंप दी थी. मामले की जांच सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी. दायमा पिछले 17 साल से अपनी पहचान छिपाकर पुणे, मुंबई और तेलंगाना इलाके में रह रहा था।
सीआईडी के पुणे कार्यालय की टीम को जानकारी मिली कि वह हैदराबाद में रह रहा है. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने उसे हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया. उन्हें नागपुर में सीआईडी को सौंप दिया गया है. सीआईडी पुणे कार्यालय के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत बर्डे, विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल- भुजबल, पुलिस अधीक्षक वैशाली माने के मार्गदर्शन में, पुलिस निरीक्षक आनंद रावड़े, कांस्टेबल विकास कोली, सुनील बनसोडे और प्रदीप चव्हाण ने यह प्रदर्शन किया.