संदीप कांबळे, विशेष प्रतिनिधी
कामठी :- ब्रह्माकुमारीज के न्यू सद्भावना भवन मे विश्व महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया| कार्यक्रम की शूरुवात दीप प्रज्वलन करके की गई| इस समय पर ब्रह्माकुमारी शिलू ने महिलाओ की भूमिका को वर्णन करते हुए कहा की नारी अपने आप में एक शक्ति है, जब वह अपनी शक्ति को पहचान लेती है तब दुनिया की हर बंदिश को तोड़कर आगे बढ़ी है और अपनी नई पहचान बनाती है। वो शक्ति है एक नारी| नारी के ही अलग अलग गुणों का गायन और पूजन आज किया जाता हैं इसिलिए आज फिर से इस संसार को बेहत्तर बनाने के लिए नारीयों को अपनी भूमिका को श्रेष्ठ बनाना होगा उसके लिये मन की एकाग्रता को अपनाना होगा|
ब्रह्मा कुमारी वंदना इन्होने अपने उद्बोधन में सुनाया कि- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष 8 मार्च को विश्वभर में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। नारी नरक का द्वार नहीं सिर का ताज है। नारी अबला नहीं सबला है। शक्ति स्वरूपा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और नारी के उत्थान के संकल्प के साथ उसे समाज में खोया सम्मान दिलाने, भारत माता, वंदे मातरम् की गाथा को सही अर्थों में चरितार्थ करने वर्ष 1937 में उस जमाने के हीरे-जवाहरात के प्रसिद्ध व्यापारी दादा लेखराज कृपलानी ने नारी सशक्तिकरण की नींव रखी। मैं शिव की शक्ति हूं… की गाथा को चरितार्थ करतीं ब्रह्माकुमारीयां सारे विश्व को नेतृत्व प्रदान कर रही हैं| नारी सशक्तिकरण और महिला उत्थान का अनूठा उदाहरण हैं : ब्रह्माकुमारीज संगठन |
ब्रह्मा कुमारी रेखा अपनी शुभकामनाये दीं जिसमे उन्होने कहा कि संसार यह दिन समाज में महिलाओं की भूमिका, संघर्ष और सफलता को दर्शाता है। महिला दिवस का दिन महिलाओं की समानता, अधिकारों और उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। महिला दिवस का उद्देश्य सामाजिक भेदभाव समाप्त कर एक समान और सशक्त समाज का निर्माण करना है|
इस समय पर ब्रह्माकुमारी संगठन के कई अनुयायी उपस्थित थे जिसमे गट शिक्षणाधिकारी अल्का सोनवाणे, बँक अधिकारी आम्रपाली मानवटकर तहसील कार्यालय के अधिकारी नंदा सोनसरे, कल्पना गायधने, चंदा भालकर, कुंदा पराते विजया येलेकर सहित कई बुजुर्ग महिलाऐ सम्मिलीत हुई| कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ब्र. कु. अरुणा ने किया |