– बोलीं-कमिश्नर आरती सिंह की यही सजा
मुंबई :- अमरावती की सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और पूर्व पुलिस कमिश्नर आरती सिंह के बीच की जंग जगजाहिर है। नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने कुछ महीनों पहले अमरावती की तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आरती सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आरती सिंह पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के इशारों पर काम करती हैं। सरकार बदलने के बाद राणा दंपत्ति ने यह भी कहा था कि आरती सिंह को भी अमरावती से ट्रांसफर किया जाएगा, इसके लिए वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। कुछ दिन पहले जब वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट निकली तो उसमें आरती सिंह का भी नाम था। आरती सिंह (IPS Arti Singh) को अमरावती की पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर अब मुंबई (Mumbai) भेज दिया गया है। महाविकास अघाड़ी सरकार के समय से ही आरती सिंह और राणा दंपत्ति के बीच में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवाद हो रहा था। शिंदे फडणवीस सरकार (Shinde- Fadnavis Government) आने के दूसरे हफ्ते में ही राणा दंपत्ति की तरफ से अमरावती (Amravati) की पुलिस कमिश्नर डॉ. आरती सिंह को ट्रांसफर किए जाने की मांग की गई थी। अब नई सरकार के फैसले से राणा दंपत्ति काफी खुश है उनका कहना है कि आरती सिंह की यही सजा और डिमोशन है।
नवनीत राणा ने कहा कि आरती सिंह के कार्यकाल में अमरावती जिले में अपराध अपने चरम पर था और पुलिस अपराधियों पर लगाम लगा पाने में नाकाफी साबित हो रही थी। उमेश कोल्हे हत्याकांड भी आरती सिंह के कार्यकाल में ही हुआ था। अमरावती शहर की कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही थी। सरकार ने इसलिए उनका ट्रांसफर किया। राणा ने कहा कि एक महिला होने के नाते हम उनका समर्थन भी करें तो भी ऐसे अधिकारी को जनता का सपोर्ट नहीं मिलता और उनका तबादला करना पड़ता है। इस तबादले से यह भी साबित होता है कि इस सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। इस ट्रांसफर से अमरावती के लोग और पुलिस विभाग काफी खुश है।
कौन हैं आरती सिंह
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ आरती सिंह देश की पहली महिला अधिकारी थी जो किसी कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात थी। उनके काम को कोरोना काल में काफी ज्यादा सराहा का गया था। जब वह मालेगांव में एसपी के पद पर तैनात थीं। तब लॉकडाउन के दौरान वहां लोगों को उन्होंने काफी समझा-बुझाकर नियमों पालन करवाया। इतना ही नहीं उस दौरान लोगों के बीच में पैनिक की सिचुएशन न बने इसके लिए उन्होंने लोगों के बीच में जागरूकता अभियान भी चलाया था।। आआईपीएस अधिकारी होने के अलावा आरती सिंह पेशे से एक डॉक्टर भी हैं.