– किरीट सोमैया को क्लीन चिट पर भड़के संजय राउत
मुंबई : बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) को सेव विक्रांत घोटाला मामले में क्लीन चिट मिल गई है। जो उनके लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है। हालांकि, इस मुद्दे पर सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह सवाल पूछेंगे कि आखिर किस आधार पर किरीट सोमैया को क्लीन चिट दी गई है। यह बात उन्होंने गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होने के दौरान कही। संजय राउत ने कहा कि सरकार बदलने पर बहुत कुछ होता है। इसका मतलब यह नहीं विषय समाप्त हो गया है। विक्रांत (INS Vikrant) के लिए पैसे इकट्ठा हुए यह सबको पता है। पैसों का दुरुपयोग हुआ है फिर चाहे वो एक रुपये का हो या फिर पचास करोड़ का हो। घोटाले को घोटाला ही कहा जायेगा। संजय राउत ने कहा कि सोमैया की तरफ से यह कहा जाता है कि पैसे राजभवन को भेजे गए लेकिन राजभवन (Rajbhavan) तक पैसे पहुंचे ही नहीं है। सोमैया कहते हैं कि जमा किए हुए पैसे राजभवन में भेजे गए थे लेकिन राजभवन कहता है कि एक भी रुपया हमारे पास आया ही नहीं, इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है?
संजय राउत ने कहा कि किरीट सोमैया को क्लीन चिट कैसे दी गई है? राज्य के गृहमंत्री से भी पूछना चाहिए। सेव विक्रांत देश की अस्मिता का सवाल है। जो फिलहाल ईडी के अख्तियार का विषय है। ठीक है, आज उन्हें क्लीन चिट मिल गई है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि साल 2024 में यह मामला सामने नहीं आएगा। कोई भी सरकार हमेशा के लिए नहीं होती जब सरकार बदलेगी यह तब सब का हिसाब पूरा किया जाएगा। इस विषय पर मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहता लेकिन मैं केंद्र सरकार को पत्र जरूर लिखूंगा। बात दें कि तत्कालीन सरकार ने आईएनएस विक्रांत को साठ करोड़ रुपये में कबाड़ में बेचने का फैसला लिया था। जिसका बीजेपी की तरफ से विरोध किया गया था जिसके बाद 10 दिसंबर 2013 को सोमैया ने सेव विक्रांत नाम की एक मुहिम चलाई थी। जिसके जरिए जनता से पैसे लिए गए थे। बाद में इन्हीं पैसों के लिए सोमैया पर घोटाले का आरोप लगा था।
क्या है मामला
किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ एक रिटायर्ड फौजी ने द्वारा धोखाधड़ी शिकायत दर्ज करवाई थी। 53 वर्षीय रिटायर्ड फौजी बबन भोंसले की शिकायत पर ट्रॉम्बे पुलिस ने मामले एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में किरीट सोमैया से मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में तकरीबन 3 घंटे तक पूछताछ की थी। शिकायतकर्ता बबन भोंसले का आरोप है कि किरीट सोमैया ने आईएनएस विक्रांत को कबाड़ में जाने से बचाने के लिए एक पैसे इकट्ठा करने का अभियान चलाया था। सोमैया ने इस मकसद के लिए तकरीबन 57 करोड़ रुपए से अधिक पैसे जमा किए थे। हालांकि, उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में इस निधि को जमा कराने के बजाय उन्होंने उसमें अनियमितता की।
पार्टी फंड में जमा किये पैसे ?
आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए जब किरीट सोमैया ने पैसा जमा करने का अभियान चलाया था। तब उन्होंने कहा था कि आईएनएस विक्रांत को एक वॉर म्यूजियम बनाया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। न तो विक्रांत को स्क्रैप में जाने से बचाया जा सका और न ही यह और म्यूजियम बन पाया। सबसे बड़ी बात यह कि जिन पैसों को राजभवन में जमा करवाने की बात कही गई थी। उन पैसों को बीजेपी पार्टी फंड में जमा किया गया। सोमैया के वकील अशोक मुंदरगी ने कुछ दिन पहले अदालत को बताया था कि राजभवन का कोई अकाउंट नहीं था। इसलिए सोमैया ने जमा किए हुए पैसे बीजेपी पार्टी फंड में डिपाजिट करवा दिए थे।