नागपुर :- नमस्कार घ्यावा अहो बुद्धदेवा, ज्ञानसुर्य तु इस जगत का, येथे समानतेचा, किती भीमाच्या सांगाव्या कथा जैसे बुद्ध और भीम गीतों की प्रस्तुती देकर गायकोने बुधवार की शाम बुद्ध-भीम गीतों से सजा दि ।
कार्यक्रम का संयोजन एंव संकल्पना सुनील आर गजभिये, अनिल सिरसाट, शैलेश जाम्भुलकर और विनोद डोंगरे द्वारा किया गया।निर्देशक शैलेश ढोके के म्यूजिक टाइम ऑर्केस्ट्रा द्वारा प्रस्तुत मधुर बुद्ध भीम गीतमाला, ‘शिल्पकार जगाचा’ का आयोजन बुधवार को साईं हॉल में किया गया। यह इस कार्यक्रम का 7 वां वर्ष था। इस अवसर पर पी आर जांभुळकर (पोलीस उपमहानिरीक्षक),राजेंद्र पुसेकर (शिक्षणाधिकारी मनपा ,नागपूर)कमलेश चव्हाण (कार्यकारी अभियंता मनपा ), ऋतुराज जाधव ( नगर रचनाकार मनपा ,नागपूर ), आशिष दत्त ( एच. आर . ऍडमिनिस्ट्रेटर एल अँड टी ग्रुप ) , प्रशांत ढाबरे (मुख्य लेखाधिकारी ), और मिलिंद रामटेके ( केंद्रीय लेखाधिकारी ) उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में मुंबई की ख्यातनाम पार्श्वगायिका सुषमा देवी के साथ प्रमोद खंडारे, प्रशांत भिंगारे, पार्वती नायर और पार्श्व गायक गोल्डी हुमने ने विभिन्न भीम गीत प्रस्तुत किए द। कार्यक्रम की शुरुआत प्रशांत भिंगारे ने नमस्कार घ्यावा अहो बुद्धदेवा गीत गाकर भगवान बुद्ध को नमन किया। उसके बाद पार्वती नायर ने ज्ञान सूर्य तू इस जगत का गीत पर प्रस्तुति दी। शैलेश जाम्भुलकर ने चांदण्याची छाया गीत की प्रस्तुति दी। प्रमोद खंडारे ने येथे समानतेचा इस गीत को पेश कर शो में रंग भर दिये। गायकों ने विभिन्न बुद्ध और भीम गीतों जैसे थांबा हो थांबा, भिमा घे पुन्हा, चंदन वृक्षा समान होता, साजरी भ्ज्ञीम जयंती करू, उद्धरली कोटी पुढे की प्रस्तुति देकर माहौल बनाया।वादक कलाकारों ने कार्यक्रम चार चाँद लगाए। कार्यक्रम का समापन प्रमोद खंडारे और समूह के गीत घबराये जब मन अनमोल के साथ हुआ। इवेंट की साउंड प्लानिंग ऋषभ ने की थी जबकि लाइटिंग प्लान माइकल का था। स्क्रीन सोनू और स्टेज राजेश का था। कार्यक्रम का मंचसंचालन अंतरराष्ट्रीय स्तर की कलाकार ज्योति भगत ने शानदार तरिकेसे किया ।