– महिला सक्षम तो देश सक्षम, महिलाओं का विकास तो देश का विकास – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
रत्नागिरी :- “महिलाएं सक्षम तो देश सक्षम, महिलाओं का विकास तो देश का विकास, देश को आर्थिक महाशक्ति बनाना है। ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण’ योजना सदैव जारी रहेगी। हम बहनों को लखपति बनते देखना चाहते हैं।” यह बातें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां कही।
मुख्यमंत्री-महिला सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत यहां चंपक मैदान में आयोजित ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण’ योजना को बहनों का भारी समर्थन मिला। इस कार्यक्रम में महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, पालक मंत्री उदय सामंत, विधायक शेखर निकम, कोंकण क्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक संजय दराडे, जिलाधिकारी एम देवेंदर सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कीर्ति किरण पुजार, पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार भले ही एक दिन का होता है, लेकिन भाई-बहन का रिश्ता हमेशा के लिए है। आपका यह भाई जीवन भर अपनी बहनों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। जिन लोगों ने अभी तक योजना का लाभ नहीं उठाया है, उनके खाते में जल्द ही पैसा जमा हो जाएगा। परिवार चलाने के लिए बहनों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वह बहुत कष्ट उठाती हैं। इसके लिए ‘मुख्यमंत्री-मेरी लाडली बहना’ योजना शुरू की गई है। आपका भाई मायके का शगुन बढ़ाता जाएगा यह बताते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने आगे कहा कि वे कई योजनाओं के माध्यम से अपनी बहनों को लखपति बनते देखना चाहते हैं। इस योजना में सभी सिस्टम काम कर रहे हैं। इस योजना को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। आपके सौतेले भाइयों को जलन और मिचली आने लगी है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बदलापुर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आरोपियों को फांसी होनी चाहिए। इस महाराष्ट्र में लड़कियों की भावनाओं से खेलने वाले अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। संस्था के संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश सरकार ने दिए हैं। चार साल की बच्ची की जिंदगी से मत खेलो। जब तक आरोपियों को फांसी नहीं होगी तब तक यह सरकार चुप नहीं बैठेगी। इन बच्चियों के जीवन पर राजनीति मत करो। यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण’ योजना में सभी जाति- धर्म की बहनों को शामिल किया गया है। यह एक दिन का उपहार नहीं, बल्कि स्थायी रूप से मिलने वाला शगुन है। इसमें बढ़ोतरी ही होगी।