नागपुर :- नागपुर जिले के ग्रामीण अंचल मे PWD की सडकों के बनते ही परखच्चे उड रहे हैं। नतीजतन वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।तत्संबंध मे आल इंडिया सोसल आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाज सेवी पत्रकार टेकचंद्र सनोडिया शास्त्री का कहना है कि ग्रामीणों ने की शिकायत के बावजूद भी PWD के राज्य मंत्री महोदय ने पीडब्ल्यूडी (PWD) के कार्यकारी अभियंता मिलिंद शरद वांधवकर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.मानो सडकों की अपने आप हजामत हो रहीं है?
नागपुर जिले के तहसील पारसिवनी सावनेर तहसील एवं रामटेक विधानसभा इलाके की सड़कों की हालत अत्यंत दयनीय हो रही है. ग्रामीण लोग सड़कों को हाथों से उखाड़ कर दिखा रहे है. सड़कों की परतें टूटती नजर आ रही हैं. आम लोगों ने ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग के कार्यकारी अभियंता वांधवकर की मिलीभगत का आरोप लगाया है.मानों कागज पर ही रोड बन गई और बिल भुगतान करवा दिया गया। बताते हैं कि रात में रोड़ बनाया और सुबह तक उखड़ गयी। जिसमें पारसिवनी से भानेगांव WCL सिंगोरी को जुडने वाली सड़क की हालत पंच्चर है.ग्रामीण ताने मारने लगे हैं कि PWD के का अभियंता वांधवकर ने इस सडक की हजामत करके रख दिया है। रामटेक तहसील और पारसिवनी तहसील के आंतरिक सडकों मे जगह जगह दरारें तथा उबर खाब हो गई है। जहां उछलते कूदते वाहनों मे सबार लोगों मे कमर दर्दनाक कमर और घुटने की असहनीय पीडा पर तरस आता दिखाई देता है। कहीं कहीं पर यह डामर सड़क और सीमेंट कांक्रीट सडकों की खुद हालात बयां कर रही है कि सार्वजनिक बांधकाम विभाग विशेष प्रकल्प नागपुर में भ्रष्टाचार कितने चर्म पर है. इस विभाग द्वारा होने वाले घटिया निर्माण कार्यों की शिकायतें पहले भी होती रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि सावनेर से खापा तथा पारसिवनी मार्ग की आंतरिक सड़कें बनते ही उखडने लगीं है। . सुबह ग्रामीणों को सड़क निर्माण के बारे में पता लगा. जब नई सड़क पर वाहनो का आवागमन शुरू हुआ तो सड़क का उखड़ना शुरू हो गया है. ग्रामीणों के अनुसार करोड़ो रुपए की लागत से बनाई गई सड़क की गुणवत्ता की पोल खुल गई है. क्योंकि ग्रामीणों ने अपने हाथों से इस सड़क को उखाड़ दिया. सावनेर और पारसिवनी इलाकों में सड़कों में इस तरह का घोटाला देख ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद ठेकेदारों के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी (PWD) के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंताओं का दावा था कि बनने वाली सड़क सबसे अच्छी और मजबूत होगी. कागजों में निर्माण का तकनीकी मापदंड उच्चतम क्वालिटी का रखा गया, लेकिन कमिशन के फेर में संबन्धित अधिकारियों ने ठेकेदार से काम वैसा नहीं कराया जैसा टेंडर के अनूसार लागत से होना चाहिए था. पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी समय-समय नजर नहीं रखी. जिसके चलते इस नव निर्मित सड़क खस्ताहाल हो गई. वही जिले में बनने वाली अधिकत्तर सड़कों की हालत ऐसी ही है. लेकिन लोगों की शिकायत के बावजूद भी कोई सुनने वाला नहीं है.
इस संबंध मे इस प्रतिनिधि द्वारा कार्यकारी अभियंता मिलिंद वांधवकर से उनके कार्यालय मे पंहुचकर चिट्ठी भेजकर संपर्क साधना चाहा तो अभियंता वांधवकर महोदय ने आफिस मे बुलाया ही नहीं? इतना ही नहीं उनसे वास्तविकता को जानने के लिए फोन पर बातचीत करना चाही परंतु अभियंता मिलिंद वांधवकर फोन उठाने को तैयार ही नहीं है।बताते हैं कि पथ भ्रष्ट का•का•अभि• वांधवकर महोदय अपने चमचों से घिरे हुए रहते है? सूत्रों का तर्कसंगत आरोप के मुताबिक बोगस ड्रिग्री-डिप्लोमा धारक वांधवकर मुंहमांगी रिश्वत ले देकर लोकनिर्माण विभाग में भर्ती हुआ था। परिणामतः दिन रात वह ठेकेदारों से अवैध कमीशन वसूली के लिए हाय-तौबा करते देखा जा सकता है?बताते हैं कि PWD विशेष प्रकल्प के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता श्री अंभोरे के कार्यकाल मे निर्मित सडक निर्माता ठेकेदारों पर ब्लैकलिस्ट की कार्यवाई का भय दिखाकर कमीशन ऐंठने मे व्यस्त देखा गया है।
विगत सप्ताह नागपुर के एक फाईव स्टार होटल मे आयोजित भोजन पार्टी मे नशे मे धुत का• का• अभियंता वांधवकर महोदय ने सडक निर्माता कंपनी नियोक्ता और ठेकेदारों को दूध देने वाली गाय से संबोधित करते हुए मजाक उड़ाया था? हालकि इस अभियंता महोदय ने अपने सेवाकाल मे जिम्मेदारी के काम कम और लोक निर्माण मंत्रालय को मागोनुरुप निधि उगाही के लिए ठेकेदारों को परेशान करने का काम करते रहा है? यह जानकारी एक बड़बोले नेता तथा इसी विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर दिया है।