– मध्य नागपुर : हलबा समुदाय का एकमात्र विधानसभा क्षेत्र
नागपुर :- महाराष्ट्र राज्य में हलबा समुदाय बड़ी संख्या में और एकजुटता दिखाते आये है,लेकिन सत्ता में आने वाली सभी पार्टियों ने उनकी जायज मांगों की पूर्ति आजतक नहीं की. ST का जायज प्रमाणपत्र देने के मामले में उन्हें न सिर्फ अबतक लटकाया हुआ बल्कि इसी जाति प्रमाणपत्र मामले में कई नगरसेवकों की सदस्यता गई,सैकड़ों सरकारी नौकरी में सेवारत कई लाभ से वंचित हैं.ऐसा ही कुछ हाल मुस्लिम समुदाय को लेकर देखा जा रहा है,इस बार दोनों समुदाय का राजनैतिक ‘क्लेम’ समाप्त करने के लिए कांग्रेस-भाजपा की योजना बनी हैं,वह भी मध्य नागपुर से ही.
दोनों समुदाय को दोनों पक्ष उम्मीदवारी देकर राजनैतिक टकराव करवा कर तय रणनीति के अनुसार किसी तीसरे अति महत्वाकांक्षी को मध्य नागपुर सौंपने की योजना पर काम शुरू हैं.अमूमन समाज के नागरिकों को यह आभास हो चूका है,इसलिए सत्ता पक्ष से सवाल करते हुए सम्पूर्ण मध्य नागपुर में बैनर से पाट दिया गया हैं.
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो भाजपा में टिकट वितरण दो गुटों में होता हैं.फ़िलहाल मध्य नागपुर का विधायक विकास कुंभारे सांसद नितिन गडकरी गुट का हैं.कुंभारे 3 टर्म से विधायक है,इतने निष्क्रिय है कि पिछले 15 साल में समाज के लिए कुछ उल्लेखनीय नहीं कर पाए.नतीजा समाज ही बदलाव चाह रहा.
उधर दूसरी ओर कुंभारे के पहले कांग्रेस और अन्य पक्ष का अर्थात मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व रहा करता था.लेकिन हलबा समाज के एकजुटता सह भाजपा की संगठन क्षमता के कारण गैर भाजपाई विकास कुंभारे को एक नहीं बल्कि 3-3 बार प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया।
पिछले विधानसभा चुनाव से इस क्षेत्र से गैर हलबा सह गैर मुस्लिम उम्मीदवारी की चाह लिए सक्रिय है,जिन्हें प्रवीण दटके के नाम से जाना जाता हैं.इस दफे भी मध्य नागपुर से भाजपा की उम्मीदवारी के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं.उम्मीदवारी मिली तो हलबा और मुस्लिम समुदाय कई उम्मीदवार खड़े कर अपना मार्ग क्लियर करने की योजना है.फिर कांग्रेस हो या अन्य पक्ष।
अगर हलबा समाज हलबा उम्मीदवार की जिद्द पर अड़ा रहा तो दटके की प्राथमिकता पूर्व उपमहापौर दीपराज पार्डीकर को उम्मीदवारी दिलवाने का प्रयास करेंगे,क्यूंकि पक्ष नेताओं ने दीपराज के बजाय प्रवीण भिसिकर को मौका दिया तो ढकते का मंसूबा इस बार भी धरा का धरा रह जाएगा। दटके दूसरी ओर अपनी जुगाड़ से कांग्रेस का उम्मीदवार मुस्लिम को बनाया जाएं,इस प्रयास में रहेंगे।जब सब उनके मनमाफिक रहा तो वे खुद तय रणनीति के अनुसार भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनावी जंग में कूद जायेंगे।
इस चुनावी जंग में उनका साथ लगभग 2000 से अधिक साथी /सहयोगी सक्रिय रहेंगे,पिछली बार चुनाव के ठीक पहले लगभग 1700 सहयोगियों को हिंगणा के किसी फार्म हाउस में पार्टी भी दी गई थी.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त चुनावी जंग में कांग्रेस बनाम भाजपा अथवा मुस्लिम बनाम हलबा की भिड़ंत का फायदा उठाने की कोशिश दटके टीम करेगी,अगर किस्मत ने साथ दिया और जीत गए तो समझो मध्य नागपुर से ‘हलबा और मुस्लिम’ समुदाय का राजनैतिक अस्तित्व समाप्त हो जायेगा है,हमेशा के लिए,इस जीत के बाद वे भाजपा में प्रवेश कर लेंगे अगर भाजपा सत्ता में आई तो मंत्रिमंडल में स्थान का मार्ग खुल सकता हैं.
अगर चुनाव हार गए तो शांति से एमएलसी का शेष कार्यकाल बिताएंगे।
उल्लेखनीय यह भी है कि भाजपा में प्रवीण भिसिकर और कांग्रेस ने बंटी शेलके को उम्मीदवारी दी तो दटके का खेल गड़बड़ा सकता हैं.