– मुख्यालय मुंबई वो रहने वाला ग्राम विकास अधिकारी पहुंचता है बैठक खत्म होने के बाद
कोदामेंढी :- स्थानीय ग्राम पंचायत कार्यालय में हाल ही में बुधवार को वंचित घटक की बैठक का आयोजन किया गया था बैठक की बैठक का समय सुबह 11:00 बजे का रखा गया था ऐसा पत्र भी सभी निमंत्रण को दिया गया था वह एक दिन पूर्व गांव में अनाउंसमेंट दी गई गई थी परंतु 11:30 बजने के बाद भी कोई भी खासकर पद सिद्ध अध्यक्ष सरपंच बैठक में नहीं पहुंचे थे प्रोसीडिंग लिखने की जिम्मेदारी, कौन से विषय पर चर्चा करना, कौन से कानूनी प्रस्ताव प्रोसीडिंग में लिखकर उस पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी रहने वाले ग्राम विकास अधिकारी आनंद लो दूसरे यह दोनों भी ना पहुंचने से उपस्थित उपसरपंच गोपाल गिरी मेकर मैं सभा की अधिक बैठक की अध्यक्षता की। वही प्रोसीडिंग ऑफिसर की भूमिका चपरासी संजय गुरु लेने निभाई उन्होंने उपस्थित होने रखी समस्या विषय, काम एक सादे कागज पर लिखकर रखें।
80000 मासिक वेतन लेने वाले ग्राम विकास अधिकारी ने उचित रूप से समय पर काम निभाने की वह मुख्यालय में रहने, ऐसा सरकारी नियम है। परंतु यहां के ग्राम विकास अधिकारी मुख्यालय में नर्क कर केवल टाइमपास सेवा देकर अपने काम सरपंच द्वारा ग्रामीणों के कर वसूली से यात्रा भत्ता लेते हैं। वही प्रोसीडिंग ऑफिसर की भूमिका में चपरासी को निभाने पड़ती है। ऐसा ही कुछ हुआ क्या वंचित घटक की बैठक में हुआ वंचित घटक की बैठक में मौदा पस के गट विकास अधिकारी विजय मेरे को 11:00 बजे बैठक में उपस्थित रहने के लिए निमंत्रित किया गया था परंतु बैठक 11:00 नियोजित होते हुए भी मौदा में 4 रोकने के लिए किराए से रहने वाले लोग दूसरे 11:00 बजे गट विकास अधिकारी पंचायत समिति कार्यालय मौदा में काम के लिए जाने से कोटा मंडी के नियोजित बैठक में देरी से आएंगे ऐसा बैठक के अध्यक्ष गोपाल गिरमे कर ने बताया।
वंचित घटक की बैठक में वंचित घटक के अनुसूचित जाति की महिला शारदा मेश्राम, सपना भैसारे, जीप उच्च प्राथमिक स्कूल की मुख्याध्यापिका चिंचखेड़े बैठक से जाने के बाद अन्य उपस्थित जाने की तैयारी में थे, बैठक खत्म होने के कगार पर होते हुए ग्राम विकास अधिकारी लुलु सरे का आगमन हुआ।
बैठक में ग्राम सदस्य विष्णु बवनकुले, सदस्य रूपाली ठाकरे अंजलि मौहुरले, स्वाति गौरखेड़े कोमल खडसे, संदीप गजभिए, नामदेव हटवार अजय शेंडे, राजू खोबरागडे , नत्थू सोनटक्के, महेश निमजे, चंद्रभान बारयी, ग्राम रोजगार सेवक किशोर साहू उपस्थित थे।
यहां के लेटलतीफी अधिकारियों के रूप में विख्यात लुलु सरे हाल ही में नियोजित विशेष मासिक बैठक में निर्धारित समय पर ना पहुंचने से मासिक बैठकी रब्बा करनी पड़ी थी। गांव में सेवा के लिए नियुक्त सेवक ग्राम विकास अधिकारी लो लुसरे गांव के नागरिकों को स्वयं की लापरवाही कार्यप्रणाली से इंतजार करने को लगाते हैं उन्हें देरी होने के बाद सरकार उन्हें पूर्ण वेतन देती है परंतु हम अपना कीमती समय इस सेवक के लिए बर्बाद करने में बेवजह होते हैं यह लोकतंत्र की विडंबना होने की बात बैठक खत्म होने के बाद ग्राम पंचायत सदस्य विष्णु बावनकुले ने कही।
@ फाईल फोटो