नागपुर :-अखंड भारत विचार मंच की ओर से मानकापुर के प्राचीन शिव मंदिर में श्री राम कथा जारी है। श्री राम के विविध जीवन प्रसंग पर राजन जी महाराज प्रकाश डाल रहे हैं। उन्होंने आज श्री राम- केवट प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि राम केवट को आवाज देते हैं कि नाव किनारे ले आओ, पार जाना है।
‘मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥
चरन कमल रज कहुं सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई॥’
श्रीराम ने केवट से नाव मांगी, पर वह लाता नहीं है। वह कहता है मैंने तुम्हारा मर्म जान लिया है। तुम्हारे चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं कि वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है। वह कहता है कि पहले पांव धुलवाओ, फिर नाव पर चढ़ाऊंगा। केवट के इस अनोखे प्रेम को देखकर श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण अभिभूत हो जाते हैं।
केवट चाहता है कि वह अयोध्या के राजकुमार को छुए। उनका सान्निध्य प्राप्त करें। उनके साथ नाव में बैठकर अपना खोया हुआ सामाजिक अधिकार प्राप्त करें। श्री राम वह सब करते हैं, जैसा केवट चाहता है। उसके श्रम को पूरा मान-सम्मान देते हैं।
व्यासपीठ का पूजन यजमान परिवार, राकेश सिंह, अजय त्रिपाठी सहित अन्य ने किया। शुक्रवार को भरत चरित्र व शबरी प्रेम का प्रसंग होगा। सफलतार्थ अखंड भारत विचार मंच के सभी सदस्य प्रयासरत हैं।