– भागवत कथा श्री कृष्ण जन्म की मनाई खुशियां
नागपुर :- आज हम पश्चिम देशों की शिक्षा प्रणाली अपनाकर अपने वर्तमान और भविष्य खराब करते चले जा रहे हैं। हम अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से दूर करते चले जा रहे हैं। आज की शिक्षा प्रणाली व्यवस्था सनातन विरोधी है। समाज में जितने भी विघटन हो रहे हैं वह इस सनातन विरोधी शिक्षा प्रणाली की ही देन है। हमारी भारतीय शिक्षा प्रणाली शास्त्र सम्मत होनी चाहिए। शास्त्रों में अपने कर्तव्य का पालन कैसे करना चाहिए यही प्रारंभिक पाठ है। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जीवन को सुंदर कैसे बनाया जा सकता है यही हमारे शास्त्र सिखाते हैं। उक्त आशय के उद्गार रेशिमबाग मैदान में श्री राधा किशोरी सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान मथुरा वृंदावन के कथाकार डॉ. इंद्रदेव सरस्वती जी महाराज ने भक्तों से कहे। कथा 24 दिसंबर तक आयोजित की गई है।
आज महाराज जी ने नरसिंह अवतार और भक्त प्रह्लाद चरित्र की कथा का वर्णन किया। आज कथा में श्री कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई गईं। कथा मंडप को गुब्बारों व फूलों से सजाया गया। बाल कृष्ण के लिए झूला सजाया गया। माखन मिश्री की बौछार की गई। भजन गायकों ने बधाई गीत प्रस्तुत किये।’ नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ से कथा पंडाल गूंज उठा।
महाराज ने आगे कहा कि कभी भी मीठे स्वर में बोलना चाहिए। कड़वे स्वर ओर वचन समाज और नातों को तोड़ देते हैं। जिस तरह वाद्य यंत्र के स्वर बिगड़ जाने पर पूरा संगीत ही बेसुरा हो जाता है ठीक उसी प्रकार हमारी भाषा, व्यवहार खराब होने पर जीवन और समाज खराब हो जाता है।
व्यासपीठ का पूजन मुख्य यजमान दीपक मड़ावी परिवार, अमरनाथ पचीसिया,संजय बत्रा, तानाजीराव वाघ, शम्भू सिंह ठाकर, हेमंत वाघमारे, हेमन्त खानोरकर, एड.कुश चावड़ा, विनीत टन्डन, अनिता टन्डन सहित अन्य ने किया। सफ़लतार्थ श्री राधा किशोरी सेवा समिति के सभी कार्यकर्ता व महिला मंडल प्रयासरत हैं।