मुंबई :- महानिर्मिती के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक को लिखे गए पत्र के अनुसार महानिर्मिति आर्थिक संकट में हैं,इसलिए राज्य के सभी विद्युत प्रकल्पों का वार्षिक रखरखाव सह अन्य कार्यो के भुगतान में देरी हो रही हैं.LOI देने के बावजूद काम वापिस लिया जा रहा हैं.दूसरी ओर अतिमहत्वपूर्ण काम न होने के बावजूद 8 करोड़ का ठेका जारी कर खापड़खेड़ा महानिर्मिति प्रशासन की मनमानी खुलेआम जारी हैं. RFx No. 3000034080 टेंडर किसी विशेष के लिए तैयार हुई और मुंबई स्तर से मंजूरी भी दिलवाई गई. इसका स्थानीय स्तर में काफी विरोध भी हुआ लेकिन स्थानीय महानिर्मिति प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
ज्वलंत सवाल यह है कि क्या वाकई ऐसा टेंडर जरूरी है ? यदि टेंडर स्वीकृत हो जाता है तो क्या खापरखेड़ा क्षेत्र में कई वर्षों से चल रहा प्रदूषण रुक पाएगा ? और अगर प्रदुषण हो ही रहा है तो महानिर्मिति को ऐसा टेंडर जारी करने के लिए इतने साल इंतजार क्यों करना पड़ा ?
जहां एकओर महानिर्मिति निधि आभाव के कारण संकट में है,ऐसे में गैरजरूरी RFx No. 3000034080 टेंडर रद्द किया जाए.समय रहते प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो एमडीआई फाउंडेशन जल्द ही उपमुख्यमंत्री,जिले के पालकमंत्री व राज्य के ऊर्जामंत्री से मुलाकात कर उक्त प्रकरण को उनके ध्यान में लाकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेगी,इससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी खापड़खेड़ा CE और महानिर्मिती के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक की होगी।
इस संबंध में शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आभा शुक्ला, संचालक, महाराष्ट्र राज्य वीज मंडळ सूत्रधारी कंपनी मर्यादित व (प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग), विश्वास पाठक, स्वतंत्र संचालक, महाराष्ट्र राज्य वीज मंडळ सूत्रधारी कंपनी मर्यादित, व महानिर्मिती, मुख्यालय,संचालक (वित्त), महानिर्मिती, संचालक (संचलन) अतिरिक्त कार्यभार, महानिर्मिती, कार्यकारी संचालक(संचलन, व सुव्यवस्था-२), महानिर्मिती, कार्यकारी संचालक, ,(पर्यावरण व सुरक्षा) महानिर्मिती, कार्यकारी संचालक (मानव संसाधन), महानिर्मिती,मुख्य अभियंता ( कार्य), महानिर्मिती, मुख्य महाव्यवस्थापक (वित्त),महानिर्मिती,विजीलेंस ऑफिसर, महानिर्मिती, मुख्य अभियंता (निर्मिती, संचलन व सुव्यवस्था), औष्णिक वीज केंद्र,खापरखेडा शिकायत की गई है,अब देखना यह है कि उक्त मामले को कितनी गंभीरता से ली जाती है।