वोट, टैक्स और कानून की रक्षा के लिये जनता जागरूक हो

– वाइस ऑफ डेमोक्रसी का आहवान

नागपुर :- भारत आजाद हुआ और देश के नागरिक संविधान के अनुसार देश के मालिक बनें. अंग्रेजों ने इस देश को आजाद नही किया. हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान व त्याग से इस देश को आजादी मिली है. ट्रांसफर ऑफ पावर के शर्तों के उपर में जो कि केंद्र सरकार के पास सुरक्षित है. 1947 से आम जनता को भारत सरकार ने विस्तृत जानकारी नही दी है. इसकी वजह क्या है, यह समझ से परे है. डॉ. बाबासाहब अंबेडकर ने प्रतयेक नागरिकों की क्रियायों, सेवाओं, आवश्यकताओं को देखते हुए कानूनी अधिकार देकर एक रूपरेखा संविधान के तहत बनाई है. संविधान की विस्तृत पढ़ाई देश का भविष्य जो आज के बालक है उन्हें होना आवश्यक है. संज्ञान के बारे में जिसमें भारत के नागरिकों का मूलनिवासी और भविष्य में जन्म लेनेवाले बच्चों के क्या अधिकार है, इसके बारे में विस्तृत केंद्र व राज्य एंव स्थानीय संस्थाओं को प्रचार द्वारा बताना चाहिये. जिसके कारण आज भारत का प्रत्येक नागरिक मतदान करने के बाद से बहुत खुश महसूस करते है कि, मैनें इसको वोट दिया, उसको वोट दिया. जिससे भविष्य में वह अपने अधिकार प्राप्त करेगा. उन्हें मुखियां बनाकर भेजते है. लेकिन वोट देने के बाद में पुन:-पुन: गुलाम बनते आ रहा है. जो टैकस सरकार चलाने के लिये आम नागरिक व जनता से लिया जाता है. जिससे प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर के द्वारा सरकार को पहुंचता है. लेकि न उसका दुरूपयोग और अनियमितता कदनोंदिन बढ़ती जा रही है. जिसका मूल कारण चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों का आनेवाला खर्च और अन्य प्रकार का लालच देकर वह नगद के रूप में या सामग्री के रूप में उन्हें अशिक्षित, गरीब, मजदूर को देकर उनके मतदान द्वारा अधिकार प्रापत कर लेते है. राजनीतिक पार्टियां और आज 80 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं को मतदान क्या है इसका पता नही है. वोट ड़ालकर आना है इतना ही डनहें पता है.

वाइस आुफ डेमोक्रसी के अध्यक्ष तपन कुमार बोस ने आगे विस्तार से वोट के प्रति यह अमीर भारत की चल-अचल संपत्ति के मालिकों से विभिन्न प्रकार के मालकी हकों का दुरूपयोग कर , भ्रष्टाचार कर और राजनीतिक पार्टियां आपस में संाठग़ांठ़ कर मंच से अपने भाषणों द्वारा एक दुसरों पर आरोप-प्रत्यारोप कर केवल चुनाव तक ही जनता को महसूस कराते है. जिसका मूल कारण जो बुजुर्ग है, जिन्होंने इन्हें परखा, जांचा है वे समझदारी से मतदान करते है. युवा अथवा नये बच्चों में इसके बारे में शिक्षा का अभाव, मतदान के प्रति किसी भी असक्षम उम्मीदवार को मतदान कर देते है. और चुनाव में मतदान का औसतन दिनों दिन घटने के बाद भी चुनाव में जीत जाते है. साठग़ांठ़ कर सरकार बना लेते है और चुनाव के समय यहां तक के राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी द्वारा विपक्ष में कमजोर उम्मीदवार खड़ा करते है. वह भी ताकतवर उम्मीदवार उनका खर्च पूरा वहन करता है. तथा चुनाव जितने के बाद सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों को जो वेतन दिया जाता है. वह भी आम जनता के पैसे से दिया जाता है. यहां तक सामनेवाला पैसा लगाता है और उम्मीदवार चुन लिया जाता है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 10 में आाजदी के बाद जो संविधान बनाया गया. उसमें कई बार कई प्रकार के संशोधन किये गये. जोकि, केवल राजनीतिक पार्टियों, राजनेताअें के पक्ष में अधिक होते है. संविधान के अनुच्छेद 10 में जो अवैध संशोधन किया गया है. जिसमें राजनीतिक पार्टियां, संगठन बनाकर चुनाव लड़वाते है. वह अवध है. लोकतंत्र का मतलब भारत का कोई भी नागरिक नीजि स्तर पर चुनाव में भाग लेकर जनता के पसंद का उम्मीदवार चुनकर ही सरकार बना सकते है. लेकिन लगातारआाजदी के बाद इस चुनाव प्रक्रिया का दुरूपयोग होता आ रहा है. जोकि लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसा कहने में आशंका नही है. इसलिये आम जनता को जहां पर गैर राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इसका खुलकर विरोध करना चाहियं और वोट, टैक्स, संविधान और जनप्रतिनधि कानून का गहराई से अध्ययन की आवश्यकता है. जिससे राजनीति में दिनोंदिन बढ़ रही गुंड़ागर्दी, भ्रष्टाचार से आम जनता मुक्ति पा सकती है.

आम जनता से आग्रह किया जात है कि आपके पास में इससे संबंधित देशहित में लोकतंत्र को शुद्ध लोकतंत्र लाने के लिए भारत को स्वर्णिम युग लाने के लिये भारत को स्वर्णिम युग लाने के लिये आप आमंत्रित है.

@ फाईल फोटो

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