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– नगर पालिका की नई नीति अगस्त के मध्य तक लागू होगी
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मुंबई :- घाटकोपर छेडानगर में एक अवैध होर्डिंग गिरने से हुए हादसे में 17 लोगों की मौत के बाद नगरपालिका ने होर्डिंग्स पर नई नीति लाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है. नई नीति के मुताबिक, अब इमारतों पर होर्डिंग लगाना प्रतिबंधित होगा और ओला, उबर और नावों को विज्ञापन होर्डिंग लगाने के लिए नगर पालिका से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. इसके लिए अगस्त से नई नीति लागू की जाएगी.
मुंबई में इमारतों पर लगे विशालकाय होर्डिंग्स की बार इमारत के निर्माण में खतरा पैदा कर देते हैं. इसके अलावा बड़े-बड़े होर्डिंग्स के कारण लीकेज और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसलिए नगरपालिका ने नई नीति में इस शर्त को शामिल किया है. घाटकोपर हादसे के बाद मुंबई नगर पालिका ने मध्य और पश्चिम रेलवे सीमा में 3०6 होर्डिंग हटाने का नोटिस जारी किया था, लेकिन रेलवे सीमा में केवल 14 होर्डिंग ही हटाए गए, इसलिए नगर पालिका ने रेलवे के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. साथ ही विज्ञापन पर नई नीति लागू करने में भी आ रहा है इसके लिए सख्त नियम तैयार किये गये हैं. विधान परिषद और स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चु नाव 26 जून को होंगे. इस पृष्ठभूमि में, राज्य में 5 जुलाई तक आचार संहिता लागू है. इसलिए आचार संहिता को रद्द कर नई नीति को लेकर मुंबईकरों और होर्डिंग एसोसिएशनों से आपत्तियां मांगी जाएंगी. नगर पालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई नीति एक अगस्त से लागू होगी. जिसमें कुछ आपत्तियां भी शामिल है.
ओला-उबर के विज्ञापन के लिए परिवहन विभाग से अनुमति ली जाती है, लेकिन अब से ओला-उबर पर विज्ञापन दिखाने के लिए नगरपालिका से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. इस बीच नगर निगम मुख्यालय में विज्ञापन नीति को लेकर होर्डिंग एसोसिएशन प्रतिनिधियों की बैठक भी हुई. इस बैठक में नई नीति पर चर्चा हुई. इसके अनुसार नगर पालिका ने स्पष्ट किया कि नई नीति की आपत्तियां सूचनाएं मंगवाकर कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, मुंबई में रात 11 बजे के बाद डिजिटल विज्ञापन बोर्ड दिखने पर मनपा प्रशासन ने संबंधित विज्ञापन एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है.
जिम्मेदार इंजीनियर हुआ गिरफ्तार
घाटकोपर होर्डिंग मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच में दूसरी गिरफ्तारी की है. दूसरे आरोपी का नाम मनोज रामकृष्ण संधू (47) है, जो मुंबई महानगरपालिका द्वारा लिस्टेड इंजीनियरों की सूची में शामिल है. संधू पर आरोप है कि उसने 24 अप्रैल 2०23 को संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र को मंजूरी दी थी. संधू को मुलुंड स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया. इससे पहले पुलिस ने आरोपी भावेश भिंडे को राजस्थान के उदयपुर स्थित एक रिसॉर्ट से 16 मई को गिरफ्तार किया था. 13 मई को होर्डिंग गिरने की घटना के बाद से वह फरार था. बाद में अदालत ने भिंडे को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. भिंडे इजियो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का संचालक है. उसे दो बार पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. इसके अलावा एक तीसरी आरोपी जानवी मराठे जो इसी कंपनी की स्थापना के समय से ही संचालक है.
बता दें कि पंत नगर पुलिस के तहत 13 मई को धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के दौरान एक पेट्रोल पंप पर विशाल होर्डिंग गिर गया, जिसकी इसकी चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और 74 लोग जख्मी हो गए थे. आरोप लगा है कि इस होर्डिंग को लगाने का ठेका जीआरपी की ओर से ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. इसी कंपनी के संचालक भिंडे है. बताया जाता है कि शुरुआत में 8० & 8० फीट के होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उक्त कंपनी ने नियमों को दरकिनार कर 12०&12०फीट का होर्डिंग लगाया था, जिसकी नींव काफी कमजोर थी. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इस मामले में दर्ज आईपीसी की धाराओं को बढाते हुए आईपीसी की एक और धारा 12०बी जोड़ी गई है. चूंकि स्ट्रक्चरल ऑडिट में बताए गए होर्डिंग का आकार बीएमसी के नियमों के अनुरूप नहीं पाया गया. इससे प्रतीत होता है कि ऑडिट करने वालों ने जानबूझकर ऐसा किया है. चूंकि, नींव कमजोर थी इसलिए होर्डिंग गिर गई. जांच अधिकारियों ने बताया कि इसके कारण ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
जांच में अनियमितताएं और नियमों का उल्लंघन
बता दें कि शुरुआती जांच में एसआईटी ने पाया कि ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को होर्डिंग लगाने की अनुमति देने में कई अनियमितताएं और नियमों का उल्लंघन किया गया. पहला उल्लंघन यह था कि होर्डिंग वाली जमीन रेलवे की नहीं थी. दूसरा यह कि आरोपी भावेश भिंडे की ईगो कंपनी को दिया गया ठेका भी टेंडर प्रक्रिया से बाहर था. इसके अलावा, ईगो कंपनी का चौथा होर्डिंग, जो गिर गया है, उसे बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के पूर्व सीपी कैसर खालिद से अंतिम मंजूरी मिली थी. इसे खालिद के अंतिम कार्य दिवस 19 दिसंबर, 2०22 को भिंडे द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन के आधार पर मंजूरी दी गई थी. आरोप है कि कैसर खालिद ने अपने ट्रांसफर ऑर्डर प्राप्त करने और अगले आयुक्त डॉ. रविंद्र शीसवे को प्रभार सौंपने से पहले ठेके से संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर किए थे.
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली सुरक्षा
बॉम्बे हाई कोर्ट ने नियमों के खिलाफ़ लगाई होर्डिंग्स को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि तय समय पर होर्डिंग्स नहीं हटाई जाती है, तो सिडको उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर है. यह होर्डिंग नवी मुंबई एयरपोर्ट नोटिफाइड एरिया क्षेत्र में लगाई गई थी. सिडको ने होर्डिंग को हटाने का नोटिस जारी किया था, जिसके खिलाफ विज्ञापन एजेंसी और कई फर्मों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जस्टिस एन.आर. बोरकर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेशन बेंच ने होर्डिंग को सुरक्षा देने को लेकर बेरुखी दिखाई. इस विज्ञापन एजेंसी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल होर्डिंग को हटाने के लिए तैयार है. चार हफ्ते में होर्डिंग हटा दी जाएगी. इस पर बेंच ने कहा कि यदि होर्डिंग को हटाने के बाद नए सिरे से आवेदन किया जाता है, तो सिडको उस पर 45 दिनों के भीतर निर्णय ले.