प्रकाश पोहरे ने विधानसभा गैलरी में दी विदर्भ की घोषणा 

– विदर्भ की समस्या पर आवाज न उठाने से हुए संतप्त 

नागपुर :- पिछले 7 दिसंबर से नागपुर में शीतकालीन सत्र चल रहा है. लेकिन छह दिनों की अवधि में विदर्भ की समस्याओं पर चर्चा नहीं हुई. इससे देशोन्नति के प्रधान संपादक विदर्भ नेता लोकनायक प्रकाश पोहरे ने गुरुवार शाम को विधानसभा की कार्यवाही चलने के दौरान प्रेस गैलरी में आकर नारेबाजी की। वे विधायकों की ओर देखते हुए उन्होंने कहा कि विदर्भ के बारे में आप लोग बात क्यों नहीं कर रहे हैं।

इस घटना से प्रेस गैलरी सहित सदन में हंगामा मच गया। इसके बाद तालिका अध्यक्ष चेतन तुपे ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए, विधानसभा भाजपा के मुख्य प्रतोद विधायक एड. आशीष शेलार ने कहा, यह कैसी सुरक्षा है?, बुधवार को संसद में जो घटना घटी उसके दूसरे ही दिन महाराष्ट्र विधानसभा में इस तरह की घटना होती है यह चिंताजनक बात है। सदन का अपमान करने वाले इस व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाए कौन है यह व्यक्ति, घटना के बाद कोई विधान सभा गैलरी में आता है, राष्ट्रपति की ओर इशारा करता है और नारे लगाता है. ऐसा एडवोकेट शेलार ने पीठासीन अध्यक्ष से सवाल किया।

प्रकाश पोहरे ने इस बात पर गुस्सा जताया कि विधायक विदर्भ की समस्या पर बात नहीं कर रहे हैं। पीठासीन अध्यक्ष चेतन तुपे ने मांग पर सहमति जताते हुए जांच के आदेश दिये. शाम करीब 7.40 बजे मराठा आरक्षण पर चर्चा चल रही थी. इसी समय प्रकाश पोहरे प्रेस गैलरी में आये और कुछ देर बाद खड़े हो गये उन्होंने सदन में मौजूद विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, विदर्भ की समस्या को लेकर यहां सत्र आयोजित किया जाता है. तो विदर्भ मुद्दे पर चर्चा क्यो नहीं? यदि विदर्भ में अधिवेशन आयोजित कर विदर्भ के मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाती तो अधिवेशन क्यों आयोजित किया जाता हैं। आम लोगों का पैसा क्यों बर्बाद करते हैं? उन्होंने ऊंची आवाज में ऐसे सवाल उठाए. इसके बाद पोहरे प्रेस गैलरी से बाहर आये और मीडिया पोडियम के सामने आकर मिडिया से बात करते हुए उन्होंने विदर्भ मुद्दे को लेकर यहां शीतकालीन सत्र रखा. हालांकि, विधायक ने पत्रकारों से कहा कि वह विदर्भ मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं. इसी दौरान जब विधायिका के सुरक्षा गार्डों ने पोहरे को हिरासत में लेने की कोशिश की तो उनके बीच हाथापाई हो गई. आख़िरकार सुरक्षा गार्डों ने पोहरे को वहां से हिरासत में ले लिया.

पोहरे की भूमिका उचित

लोकनायक प्रकाश पोहरे जमीन से जुड़े व्यक्ति है। विदर्भ के किसानो की हालत देखकर उन्होंने हमेशा आवाज उठाई है। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या, बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ते अपराध ऐसी अनेक समस्या है। परंतु हमारे यहां के यानी विदर्भ के विधायक विदर्भ की चर्चा ही नहीं करते बल्कि दूसरे निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं के बारे में सवाल पूछते हैं। इसलिए प्रकाश पोहरे को पीड़ा होना स्वाभाविक है। नागपुर में जब भी विधानमंडल का अधिवेशन होता है तब सैकड़ो मोर्चे इस दौरान निकलते हैं। परंतु मोर्चा वालों की समस्या हल नहीं होती। सरकार समस्याओं पर ध्यान नहीं देती है इसलिए इन लोगों को मोर्चा निकालने के नौबत आती है। फिर इस तरह अधिवेशन के नाम पर लोगों को गुमराह करना, लोगों के पैसे का दुरुपयोग करना कहां तक उचित है। इन सारी बातों का विचार करने के बाद ही प्रकाश पोहरे ने यह कदम उठाया होगा।

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