नागपुर :- भारत में या वो कहे की समुचे एशिया में सुपारी का सबसे बड़ा मार्केट मध्य भारत में नागपुर है। पुरे एशिया में सबसे ज्यादा सुपारी नागपुर में बिक्री की जाती है। पहले नागपुर में सिर्फ केरला की सुपारी बेची जाती थी। इसी सुपारी का ग्रेड तया कर व्यापारी इसे बेचते थे और यही सुपारी पान मसाला, गुटखा आदि में चलती थी। प्रशासन ने मान मसाला और गुटखे पर रोक लगने के बाद नागपुरी खर्रा कि लोगों को जब से लत लगी। नागपुर और नागपुर के अन्य जिले यहा तक मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तक लोगो को खर्रे कि लत लगी। पहले पान बनाने में ही सिर्फ सुपारी उपयोग होता था आजकल पानठेला सिर्फ नाम का रह गया है। पानठेलों से पान गायब हो गय और खर्रे ने अपनी जगह बना ली।
आज नागपुर के हर 10 व्यक्ती में 7 को खर्रें का शोक है। इसी कारण सुपारी तंबाखु की डिमांड बढ़ गयी। सुपारी की डिमांड हद से ज्यादा बढ़ने से यहाँ सडी गली सुपारी मिक्सींग का धंदा जोरोशोरे से बढ़ा। इसी धंदे में कॉम्पीटीशन के चलते बाहरी सस्ती जहरीली सुपारी (इंडोनेशिया) का भी आयात होने लगा और अब तो जहरीली सड़ी सुपारी का ही बोल बाला है। इन जहरिलीसुपारी के तस्करों की पुलीस एफडीए से अच्छी खासी साठगाठ है और ये कोई नये खिलाडी नही है। आए दिन मिडीया में इनका नाम आता रहता है। प्रशासन में इनकी गहरी पै होने से ये अपना धंदा बेखौफ चला रहे है। अब तो इन्होंने जहरीली सुपारी आयात करने का नया रास्ता अपनाया है। जिस मलेशियाई सुपारी पर भारत पमें बैंन है। और स्टॅम्प ड्युटी 108 टक्का है। इन्होंने उसी सुपारी को दिल्ली से मिसडिक्लेरेशन बहुत माल बला रहे है। जो बांग्लादेश लाईन से कलकत्ता होते हुए आ रहा है। यह माल लाने का पुरा रास्ता सेट है। इस रास्तें में ना पुलिस का डर है। ना एफडीए का। भारी भरकम रक्कम दि जा रही है। और एडीए के अधिकाररीयों के मुहँ में तो पुरे नोटो का बंडल ही ठुसा जाँ रहा है।
तो वे कैसे कारवाई करेंगे ? लेकीन नागपुर पुलिस कमिश्नर जो आपने सक्त फैसले को लेकर हमेशा सुर्खियों मे होते है। वो क्या कर रहे है?