नागपूर :- MSEDCL ने राज्य में बिजली की दरें बढ़ाने हेतु महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) को नई नीति प्रस्तावित की है। जिसका विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी संस्था नाग विदर्भ चेंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष अश्विन प्रकाश मेहाड़िया के नेतृत्व में सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने जोरदार विरोध दर्शाया है एवं MERC को प्रतिवेदन देकर प्रस्तावित नई दरों को लागू न करने का निवेदन किया है।
अध्यक्ष अश्विन प्रकाश मेहाड़िया ने कहा कि यदि MSEDCL द्वारा प्रस्तावित बिजली की दरों को एम.ई.आर.सी. लागू कर देती है तो आमजनता, छोटे व मझोले व्यापारियों एवं उद्योग को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में अन्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिजली की दरें बहुत अधिक है। जिसके कारण राज्य के अधिकतर उद्योग व व्यापार हमारे पड़ोसी राज्य जैसे छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश की ओर पलायन कर रहे है। पड़ोसी राज्य में बिजली की दर कम होने के कारण उनके उत्पादन लागत कम होती, जिससे वहां के उत्पादन हमारे राज्य के उत्पादन की तुलना में सस्ता होता है। उत्पादन लागत अधिक होने के कारण हमारे व्यापारी सस्ता सामान नहीं बेच सकते, जिसके कारण उन्हें स्वंय को बाजार प्रतियोगिता में बनाये रखने में काफी परेशानियों हो रही है। दुसरे राज्य में उद्योग हस्तांतरित होने से राज्य सरकार को राजस्व में भी नुकसान होकर आर्थिक कोष पर प्रतिकूल असर होगा।
चेंबर के सचिव रामअवतार तोतला ने प्रतिवेदन में कहा कि पहले ही आमजनता व व्यापारी समुदाय गत वर्षाे से कोरोना महामारी के कारण व्यापारी समुदाय आर्थिक परेशानियों से अबतक उबर नहीं पाया है फंड की कमी और आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है और ऐसे में MERC द्वारा बिजली की दरों में वृद्धि की जाती है तो जनमानस एवं व्यापारी समुदाय पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और जिसके परिणाम स्वरूप महंगाई में भी वृद्धि होगी।
चेंबर के उपाध्यक्ष व ऊर्जा समिती के संयोजक फारूकभाई अकबानी ने कहा कि जिस प्रकार राज्य सरकार कुछ उद्योगों व कोल्ड स्टोरेज को कम दर पर बिजली व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही उसी तरह कृषि आधारित कोल्ड स्टोरेज व उद्योगों एवं व्यवसायों को भी कम दर बिजली एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिये तथा MSEDCL द्वारा प्रस्तावित नवीकरणीय ऊर्जा नीति को रद्द कर कम दर में आमजनता एवं व्यवसायों को बिजली उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही बिजली के बिल में फिक्स चार्ज, इलेक्ट्रीक ड्युटी व फिक्स चार्ज को हटाया जाना चाहिये जिससे व्यापारी अपने व्यापार का विकास कर राज्य के आर्थिक विकास में अधिक सहयोग प्रदान कर सके।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सहसचिव शब्बार शाकिर ने दी।