नागपुर :- जैन धर्म के २४ वे तीर्थंकर भगवान महावीर के २५४९ वे निर्वाण महोत्सव पर मंगलवार की सुबह देशभर में जैन मंदिरों में निर्वाण लाडू चढ़ाया गया.
भगवान महावीर को पावापुरी में कार्तिक अमावस्या के दिन सुबह ५:४५ बजे निर्वाण हुआ था. जैन धर्म में मृत्यु को महोत्सव मानते हैं. जैन धर्म में खुशी के साथ अपने आराध्य तीर्थंकर का निर्वाण महोत्सव मानते हैं. इतवारी शहीद चौक स्थित भगवान पार्श्वनाथ मार्ग स्थित श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर में तड़के ४ बजे निर्वाण क्षेत्र पूजा संपन्न हुई. चंद्रकांत पलसापुरे, अनिकेत पलसापुरे परिवार ने पूजन संपन्न किया. भगवान महावीर के प्रतिमा के पास प्रथम निर्वाण महालाडू अर्पित करने का सौभाग्य रंजना दानखेडे परिवार को प्राप्त हुआ. पूजन में पं. हीरासाव कहाते, पं. अभिजीत बंड, पं. अनिकेत मानेकर का सहयोग प्राप्त हुआ. दो वर्ष बाद दीपावली का त्यौहार सामूहिक रूप से मनाने का पहला अवसर होने से मंदिर भक्तों से खचाखच भरे हुए थे.
मंदिर के अध्यक्ष दिलीप शिवनकर, उपाध्यक्ष आनंदराव नखाते, महामंत्री दिलीप राखे, सुधीर सिनगारे, प्रशांत मानेकर, अशोक पलसापुरे, प्रभाकरराव डाखोरे, विलास गिल्लरकर, ऋषभ आगरकर, दिनेश सावलकर, मनीष पिंजरकर, नारायणराव पल सापुरे, नितिन नखाते, प्रमोद राखे, सुनील आगरकर, अशोक उदेपुरकर, सतीश मखे, मनोज बंड, विनोद श्रावणे, विनय सावलकर, योगेश सवाने आदि ने कार्यक्रम सफल बनाया.