नागपुर :- जिस मुख से ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ का उच्चारण होता है वह मुख समस्त पापों का विनाश करनेवाला पावन तीर्थ बन जाता है। शिव का नाम, विभूति तथा रुद्राक्ष तीनों ही त्रिवेणी के समान परम पुण्यवाले माने गए हैं। उक्त आशय के उद्गार संकटमोचन हनुमान मंदिर एवं समस्त शिवभक्त गण समूह की ओर से आयोजित सर्वजन कल्याणार्थ सामूहिक शिवमहापुराण कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, लाडीकर लेआऊट, मानेवाडा रोड में कथाकार बालव्यास योगेश कृष्ण महाराज ने कहे।
कथाकार महाराज ने आज कहा कि भगवान शिव का नाम गंगा है। यमुना विभूति मानी गई हैं तथा रुद्राक्ष को सरस्वती कहा गया है। त्रिवेणी में स्नान करना और शिव की इन तीनों चीजों को अपने शरीर पर धारण करने का फल एक बराबर माना गया है।विद्वानों को सदैव अपने शरीर पर ये तीनों सदा धारण करना चाहिए। जो इस भूलोक में शिव के नाम का जाप करता है वह वेदों का ज्ञाता है, पुण्यआत्मा है। कथा का समय दोपहर 2.30 से 5.30 रखा गया है। सभी से उपस्थिति की अपील व्यवस्थापन समिति केदेवीदास शुक्ला, प्रशांत मुदनाइक,संजय सिंह,रतनाकर निम्बालकर, हेमराज वान्द्रे, शत्रु चंदेल, बाबू ठाकुर ने की है।