– श्री गोवर्धन लीला, बाल कृष्ण लीला का किया वर्णन
नागपुर :- इस सृष्टि में जिस देह में भी उस परम परमात्मा का वास होता है वह देह, वह जीव हमेशा आनंदित रहता है। अपने अंदर राम का वास हमेशा बनाए रखो।जिसके भीतर राम वह सदा सुखी। अपना जीवन ऐसा बनाओ की अपने साथ साथ दूसरों को भी आनंद प्राप्त हो। उक्त उद्गार रेशिमबाग मैदान में श्री राधा किशोरी सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान मथुरा वृंदावन के कथाकार डॉ. इंद्रदेव सरस्वती जी महाराज ने भक्तों से कहे। कथा 24 दिसंबर तक आयोजित की गई है। कथा के मुख्य यजमान दीपक मड़ावी परिवार हैं।
आज महाराज जी ने आज श्री कृष्ण बाल लीला, गोवर्धन लीला का सरस वर्णन किया। इस लीला के जरिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को बताया कि वर्षा का पानी इंद्र से नहीं, बल्कि वृक्षों और पर्वतों की कृपा से मिलता है. इसीलिए, ब्रजवासियों को पर्यावरण के देवता श्री गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए. इस लीला के जरिए भगवान श्रीकृष्ण ने यह दिखाया कि भक्ति और सेवा ही प्रमुख साधन है. इस लीला से भगवान श्रीकृष्ण ने यह दिखाया कि आध्यात्म जगत में भक्त की प्रतिष्ठा सबसे ऊपर होनी चाहिए.
व्यासपीठ का पूजन मुख्य यजमान दीपक मड़ावी परिवार, अमरनाथ पचीसिया, संजय बत्रा, तानाजीराव वाघ, हेमंत वाघमारे, कुमुदिनी वाघमारे, लक्ष्मी यादव, हेमन्त खानोरकर, एड.कुश चावड़ा, विनीत टन्डन, वीना यादव, लतिका चावड़ा, अनिता टन्डन, उषा राऊत, कल्पना भलावे, सहित अन्य ने किया। सफ़लतार्थ श्री राधा किशोरी सेवा समिति के सभी कार्यकर्ता व महिला मंडल प्रयासरत हैं।