नागपुर :-एक तरफ सामान्य / साधारण पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन बंद कर भारतीय रेल द्वारा देश में विभिन्न प्रांतों में वंदे भारत और अन्य सुपर फास्ट एक्सप्रेस चलाने का एक प्रयोग विगत ३ वर्षों से चल रहा है , जिसका किराया इतना ज्यादा है की केवल उच्च आय वर्ग के सफेद पोश लोग ही इसमें यात्रा करते नजर आ रहे है ! इन वंदे भारत ट्रेनों की यात्री वहन क्षमता से सिर्फ ३४% औसतन सिटे बिक रही है !
सामान्य /साधारण पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन बंद सिर्फ सुपर फास्ट एक्सप्रेस या विशेष ट्रेनें चलाने की ओढ़ से आम जनता को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और दिनों दिन रोष व्याप्त होता जा रहा है !
उसीमे लॉक डाउन का बहाना कर कई ट्रेनों के छोटे छोटे स्टेशनों सहित छोटे शहरों के हाल्ट बंद कर दिए गए है ! किसी की कोई सुनवाई नहीं ! यंहा तक की हमारे वर्धा के लोकसभा सांसद Ramdas Tadas को भी उनके निर्वाचन क्षेत्र के बंद किए गए हाल्ट दुबारा शुरू करने के लिए एक साल तक कड़े प्रयास करने पड़े! यही हाल देश के सभी निर्वाचित सांसदो का है !
एक तरफ बड़े शहरों के सीमित हाल्ट वाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस को बढ़ावा देना और दूसरी तरफ सामान्य / साधारण पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन बंद करने की तुकलकी नीति से जो आम अवाम में भारी रोष व्याप्त है, उसकी परिणिति “वंदे भारत” जैसी सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों पर रोजाना हो रहे पथराव और तोड़फोड़ की वारदातों से हमारा देश “वर्ग युद्ध” के ओर तो नही जा रहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का अंदेशा देता है !
हमारे केंद्र सरकार को तुरंत इन ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देकर एक सकारात्मक संदेश देने की नितांत जरूरत है ताकि देश वर्ग युद्ध की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की ओर ना जाए !
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– अधिवक्ता विनोद तिवारी
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