– 30 लाख की नकली नोट के मामले में पुलिस की गतिविधियां हो गई तेज
– कोलकाता भी जाएगी अपराध शाखा पुलिस यूनिट 3 की टीम, शहर के थाने में मामला दर्ज होने से कई तरह की अटकलें
– लेनदार – देनदार भी संदेह के घेरे में, दोनों पक्ष से होगी पूछताछ
नागपुर :- तहसील थाने में दर्ज 30 लाख रुपए के नकली नोट के लेनदेन प्रकरण को लेकर शहर की अपराध शाखा पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में पुलिस लेनदार – देनदार को नागपुर लाकर पूछताछ करेगी, इसलिए इस मामले में कोलकाता के हाजी साहब को भी नागपुर आना होगा। संभवत: अपराध शाखा पुलिस की यूनिट 3 की एक टीम कोलकाता जाएगी। ऋषि मोदी की शिकायत पर यह मामला तहसील थाने में दर्ज किए जाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। धोखाधडी का यह मामला कोलकाता में हाजी साहब नामक क्यक्ति के साथ हुआ लेकिन उसकी शिकायत नागपुर के तहसील थाने में ऋषि मोदी द्वारा आखिर किस आधार पर दर्ज की गई। यह भी विचारणीय प्रश्न सामने आ रहा है। इस मामले को लेकर लेनदार हाजी साहब- देनदार गिरीश राठी की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस की एक टीम गिरीश राठी की तलाश में वाशिम बुलढाणा जाएगी। इस घटना को हवाला कारोबार से जोडकर देखा जा रहा है। इतवारी के गलियारों में सुगुबुगाहट होने लगी है कि अब इतवारी के कई कारोबारी नकली नोट के जरिए भी हवाला का इस तरह से कारोबार करके कारोबारियों को कर्जदार बना रहे हैं। हालांकि यह मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है, क्योंकि शहर में शीतसत्र अधिवेशन शुरू हो चुका है। शहर पुलिस विभाग के अधिकारी बंदोबस्त में तैनात रहेंगे, लेकिन आर्थिक मामले से जुडे प्रकरण की जांच जारी रखी जाएगी।
ठगी तो हाजी साहब के साथ हुई, नागपुर में मामला दाखिल क्यों ? : सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग के कई अधिकारी और कई जानकारों का भी यही मत है कि 30 लाख के नकली नोटों की ठगी तो कोलकाता के हाजी साहब के साथ हुई, ताे उसने कोलकाता के थाने में इसकी शिकायत क्यों नहीं की , फिर ये मामला आखिर तहसील थाने में दाखिल होने के बजाय कोलकाता के थाने में दर्ज क्यों नहीं कराया गया। हाजी साहब ने आखिर ऋषि मोदी के कहने पर गिरीश राठी को इतनी बडी रकम किस आधार पर दे दी। यह बात भी पुलिस को परेशान कर रही है। कहीं हाजी साहब ही तो हवाला के माध्यम से नागपुर के कारोबारी के साथ ठगी का खेल तो नहीं खेल रहे हैं। हाजी साहब को गिरीश राठी ने 2 हजार रुपए की नोटों के 30 लाख का जो बंडल दिया , वह सारे नोट नकली थे। पुलिस को यह बात भी हैरान कर रही है कि इतनी बडी मात्रा में गिरीश राठी के पास नकली नोट किसने लाकर दिया। हवाला की आड़ में कहीं नकली नोटों का खेल तो शुरू नहीं हो गया है। नकली नोटों का यह खेल अगर इसी तरह से शुरू रहा तो कई कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच पुलिस की यूनिट-3 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश सगने कर रहे हैं।
साइबर अपराधियों से भी खतरनाक खेल : जिस तरीके से कपडा कारोबारी ऋषि मोदी के साथ 30 लाख रुपए की ठगी की गई, जिसमें नकली नोटों का खेल खेला गया, उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि नकली नोटों का यह खेल साइबर अपराध की ठगी भी ज्यादा खतरनाक खेल है। उल्लेखनीय है कि ऋषि मोदी के कहने पर गिरीश को कोलकाता के हाजी साहब ने 30 लाख रुपए असली दिया था लेकिन जब मोदी ने राठी से हाजी साहब को 30 लाख रुपए देने के लिए कहा तो राठी ने हाजी साहब को 30 लाख रुपए नकली थमा कर गायब हो गया। पुलिस तो यह भी फिलहाल नहीं जानती है कि गिरीश ने हाजी को आखिर कैसे नोट दिलवाए थे, वह खुद नोट देने गया था या उसने भी ऋषि मोदी की तरह किसी और से हाजी को दिलवाया था। कहा जाता है कि बडे कारोबारी हवाला के माध्यम ये बडा लेनदेन का काम करते हैं। इस बार जिस तरह से गिरीश राठी ने नकली नोटों का खेल खेला है, उससे हवाला का भी गणित गडबडा सकता है। कारोबारियों पर कोई भी भरोसा करके हवाला कारोबारी लाखों – करोड़ों रुपए दे देता है, लेकिन नकली नोट के उक्त खेल ने हवाला कारोबारियों को भी सकते में डाल सकता है।
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