– वेकोलि मुख्यालय सह CVO कार्यालय दे रहा खुलेआम संरक्षण
नागपुर :- WCL के CBI का छापा कोई नहीं बात नहीं, क्षेत्रीय कार्यालयों के आये माह पड़ती ही रहती, क्यूंकि PRODUCTION COMPANY हैं,कोल माफिया पूर्व मुस्तैदी से सक्रिय है वेकोलि के दिग्गज अधिकारियों के संरक्षण में…… जब लेन-देन या कालाबाज़ारी से होने वाले व्यवहार में अति हो जाती तो वेकोलि अधिकारियों को गला दबाने के लिए रामबाण इलाज याने ……. CBI छापा।लेकिन विडंबना यह है कि न तो कालाबाज़ारी थम रही और न ही प्रशासन मुस्तैद हो रहा,CVO कार्यालय नाम का रह गया,सिर्फ मध्यस्त या बचाव पक्ष में सक्रिय हैं,फिर कैसे मुमकिन हो कि WCL का उत्पादन बढे और मांग भी बढे,अर्थात खदानों का निजीकरण के जिम्मेदार WCL प्रबंधन हैं,यह कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
याद रहे कि पिछले दिनों वेकोलि की वणी नार्थ क्षेत्र के घोन्सा खदान में कार्यरत उप क्षेत्रीय प्रबंधक गौतम कुमार बासुटकर को एक लाख रुपए घुस लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था.एक ट्रसंपोर्टर कंपनी के संचालक को ऊपरी आय के लिए नियमित परेशां किया करता था.जा हद्द पर हो गई तो उक्त ट्रांसपोर्टर ने CBI में इसकी शिकायत कर रंगेहाथ पकड़वा दिया।इस विवादास्पद अधिकारी को वेकोलि मुख्यालय के दिग्गज अधिकारियों का संरक्षण हासिल था.इसलिए खुलेआम सभी ट्रांसपोर्टर सह कोयले के खरीददारों को सताया करता था.
सूत्र बतलाते है कि घोन्सा खदान में रोडसेल कोयले को लेकर रात देर तक काटा शुरु रखता था और अच्छा कोयला खदान से निकाल कर कोल स्टॉक उसकी अफरातफरी कर उगाही की जाती थी और जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी ने अवैध उगाही में हिस्सेदारी नहीं दी उस ट्रांसपोर्टर का कोयला ‘लॅप्स’ करवा देता था,सभी ग्राहक सह ट्रांसपोर्टर गौतम कुमार बासुटकर से तंग आ चुके थे.उक्त मामले की जाँच सभी संबंधितों की होनी चाहिए,क्यूंकि गौतम कुमार बासुटकर द्वारा की जाने वाली वसूली का हिस्सा नीचे से लेकर वेकोलि मुख्यालय के सम्बंधित दिग्गज अधिकारियों तक बनाये गए ‘सिस्टम’ के तहत पहुँचता था.
उल्लेखनीय यह है कि वेकोलि की भूमिगत खुली खदानों में क्षेत्रवार खुलेआम कोयले की कालाबाज़ारी हो रही,इस कालाबाज़ारी में सभी संबंधितों के हाथ सने हुए हैं.इस पर रोकथाम के सारे उपाययोजना या प्रयास बंद कर दिए गए,क्यूंकि जो ‘सिस्टम’ बदलने की कोशिश करता है,उसे ‘सिस्टम’ के संचालक ‘साइड लाइन’ कर देते रहे हैं.अर्थात वेकोलि के सभी क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत खदानों में गौतम कुमार बासुटकर जैसे सक्रिय हैं.