नागपुर :- कोराडी एवं खापरखेडा थर्मल पावर प्लांट में इन दिनों कोयले की लोडिंग-अनलोडिंग को लेकर किसानों में बवाल मचा हुआ है। कोयले को मालगाड़ी से पहुंचाकर रेलवे स्टेशन कलमना से विधुत परियोजना स्थल तक लगभग 15 से 20 किलोमीटर है।कोयला से भरी मालगाड़ी मे खुला कोयला की धूल हवा के दबाव मे उड उठकर ब्राडगेज रेलवे लाइन के आजू बाजू स्थित किसानों की खेती मे लगी खडी फसलों पर बुरा असर पड रहा है।उसी प्रकार वेकोलि की गोंडेगांव सिंगोरी एवं भानेगांव ओपनकास्ट कोयला खदानों से पावर प्लांटों मे डंपरों से कोयला पहुंचाया जा रहा है जिसके कारण आसपास के किसानों की फसलें चौपट होने की कगार पर हैं व चौपट हो रही है।
थर्मल पावर प्लांट में पंहुचने वाली सडकों के आसपास किसानों की फसलें चौपट होने की कगार पर हैं व चौपट हो रही है।
शासन की ओर से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआयना भी नहीं किया जा रहा है। कोराडी पावर प्लांट को आपूर्ति किया जाने वाला कोयला मे धूल की मात्रा अधिकाधिक पाई जा रही है। टिप्परों मे ओव्हर लोड कोयला तापीय बिजली परियोजना स्थल तक पहुंचाया जाता है। उक्त कार्य के दौरान भारी मात्रा में कोयले की डस्ट व वाहनों की धूल के गुबार छाए रहते हैं। यह धूल और कोयले की डस्ट खेतों में लगी फसलों को नष्ट कर रही है।
किसानों ने बताया कि खरीफ फसल धान कोयले की काली डस्ट से चौपट हो रही है और अब रबी की फसलें बर्बाद हो रही हैं। वर्तमान में गेहूं, चना व मसूर की फसलें लगाई गई हैं जो कि बहुत नाजुक होती हैं। कोराडी और खापरखेडा पावर प्लांट द्वारा कोयला परिवहन होने से धूल व कोयला की डस्ट की परत खेतों पर लगी फसलों पर जम रही है जिससे फसलों की वृद्घि रुक गई है। सभी किसान केवल कृषि पर आश्रित हैं। ऐसे में फसलें नष्ट होने से उनके परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो रहा है। इसलिए शीघ्र ही मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई की मांग किसानों द्वारा जिला प्रशासन से की जा रही है।