– जिले में कोई भी पक्ष हो टिकट वितरण में GADKARI IMPECT को नाकारा नहीं जा सकता
नागपुर :- विधानसभा चुनाव में राज्य के नेता देवेंद्र फडणवीस अचानक BACKFOOT पर नजर आ रहे,खासकर नागपुर जिले के मामले में। भाजपा का नागपुर शहर के 6 में से 5 उम्मीदवार भाजपा के सांसद व व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तय कर रहे या जिनकी सिफारिश वे कर रहे,उन्हें देने की जिद्द कर रहे,इससे देवेंद्र फडणवीस गुट के इच्छुकों में निराशा पनपना शुरू हो गई है।
जिस प्रकार खबर है कि गडकरी ने पूर्व नागपुर से पुनः कृष्णा खोपड़ को उम्मीदवारी दिलवाई,उसी प्रकार मध्य नागपुर से पुनः विकास कुंभारे को दिलवाने हेतु दबाव बनाए हुए है। उत्तर नागपुर में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार के प्रति नर्म रुख रखते हुए एक डमी उम्मीदवार उतारने जा रहे है,वह डमी उम्मीदवार भी गडकरी समर्थक ही होगा। पश्चिम नागपुर से संदीप जोशी को उम्मीदवारी न मिले,इसलिए इस विधानसभा क्षेत्र से दयाशंकर तिवारी के लिए सकारात्मक बताए जा रहे है। दक्षिण नागपुर में निसंदेह गडकरी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार गिरीश पांडव को मदद कर मोहन मते को घर बैठाने की कोशिश करेंगे।
गडकरी के उक्त समीकरण के हिसाब से मध्य से प्रवीण दटके और पश्चिम से संदीप जोशी का विधानसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा इस बार भी धरा का धरा रह जाएगा।
ऐसे में मध्य नागपुर में दटके समर्थक कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार बंटी शिल्के को मदद कर विकास कुंभारे से हिसाब चूकता कर सकते है,इस हिसाब चूकता से इस क्षेत्र से हमेशा के लिए हलबा समाज का दावेदारी सह राजनैतिक अस्तित्व समाप्त हो सकता है। इससे पहले महल प्रभाग से बंडू राऊत को गिराकर कांग्रेस का उम्मीदवार जीतने का प्रयोग किया जा चूका हैं.
अगर कांग्रेस ने रमेश पुणेकर को उम्मीदवारी दी तो वे सर्वप्रथम भाजपा से कांग्रेस में आये हुए है और पेशा उनका विवादों में रहा है ,दूसरी ओर भाजपा ने दीपराज पार्डीकर को उम्मीदवारी दी तो मनपा में उपमहापौर रहते हुए 10% हिस्सेदारी का खेल विधानसभा क्षेत्र में भी शुरू हो जाएगा,इसके साथ ही ठेकेदारों का शोषण कर बिना टेंडर के काम करवाकर ठगने में महारत हासिल है इन्हें।
उक्त दोनों ही प्रवीण दटके के GOODBOOK में हैं और वैसे दोनों क्षेत्र के लिए NO BALL साबित होंगे।
पूर्व में कृष्णा खोपड़े बनाम अभिजीत वंजारी
दोनों ही गडकरी के GOOD BOOK में हैं.वंजारी ने गडकरी के स्नातक क्षेत्र से भाजपा के संदीप जोशी को शिकस्त दी,जबकि कांग्रेस के लिए असंभव था,इसके बावजूद वंजारी जीते,जिसे भाजपा THINK TANK के लोग गडकरी IMPECT का नाम दिए.
कृष्णा खोपड़े पिछले 3 टर्म से विधायक है और गडकरी के सबसे कट्टर समर्थक।नतीजा इनकी न कभी टिकट कटी और इनके क्षेत्र में केंद्रीय निधि से बड़े बड़े प्रकल्प भी आए.इस बार चुकी ANTI INCOMBENCY का शिकार न हो जाए क्यूंकि खोपड़े को हिंदी भाषी विरोधी माना जाता है,इसलिए इसे हराने वाला भी गडकरी का शुभचिंतक हो ,तो वह है अभिजीत वंजारी। वंजारी की जीत में पूर्व नगरसेविका श्रीमती आभा पांडे का बड़ा योगदान रहेगा क्यूंकि खोपड़े ने उन्हें राजनीति में हमेशा दगा दिया हैं.
उत्तर नागपुर : नितिन राउत बनाम संदीप जाधव
उक्त दोनों नाम का गडकरी से कैसे जुड़ा है,सर्वत्र चर्चित हैं.इस चुनाव में कांग्रेस से नितिन राऊत की उम्मीदवारी तय हैं,इनकी जीत सरल हो इसलिए गडकरी की सिफारिश पर भाजपा संदीप जाधव को उम्मीदवार बनाएगी। अगर भाजपाइयों ने ताकत लगाई और नितिन राऊत टीम ने गलती कि या OVER CONFIDENCE दिखाया तो संदीप जाधव की जीत निश्चित हो सकती हैं.अर्थात चित भी अपना और पट भी.
दक्षिण-पश्चिम : फडणवीस बनाम गुडधे/कान्हेरे
देवेंद्र फडणवीस की उम्मीदवारी घोषित हो चुकी है,इनके खिलाफ अबतक इनके ही मनमाफिक उम्मीदवार कांग्रेस उतारते रही है,नतीजा वे इस चुनाव क्षेत्र में कम से कम घूमने या प्रचार प्रसार के बावजूद आसान जीत दर्ज करते रहे हैं.
अब या SETTING है या और कुछ,इनके खिलाफ अचानक पूर्व नगरसेवक ,पूर्व भाजपाई प्रफुल गुडधे पाटिल चुनावी जंग लड़ने हेतु उम्मीदवारी के लिए प्रयासरत हैं.इनकी उम्मीदवारी ने शहर का एक तथाकथित कुनबी नेता,फडणवीस समर्थक विरोध कर रहा,ताकि शहर में कोई दूसरा कुनबी नेता तैयार न होने पाएं,इस नेता का मंसूबा अगर पूरा हुआ तो हाल फिलहाल में कांग्रेस में आए किशोर कान्हेरे को कांग्रेस उम्मीदवार हो सकता हैं.अगर प्रफुल बनाम फडणवीस में भिड़ंत होगी तो कुछ समय के लिए फडणवीस के लिए चिंतित हो सकते है.वैसे फडणवीस और पाटिल का BUILDER LOBBY से गहरा रिश्ता किसी से छिपा नहीं हैं.
पश्चिम नागपुर : विकास ठाकरे बनाम दयाशंकर तिवारी
इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के विधायक विकास ठाकरे कर रहे है,उन्हें विधायकी एक गिफ्ट के रूप में मिला था,वे इससे पूर्व 2 दफे दक्षिण-पश्चिम से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और भाजपा उम्मीदवार को WALKOVER देते रहे.पिछले चुनाव में तत्कालीन भाजपा उम्मीदवार का जो कुनबी समुदाय से थे,लेकिन सर्वपक्षीय कुनबी नेता और कार्यकर्ताओ ने विकास ठाकरे का साथ दिया,नतीजा पहली मर्तबा विधायक बन पाए.बताया जाता है कि देवेंद्र फडणवीस के मार्फ़त भाजपा में गहरी पैठ रखते हैं.इसी बिना पर इस दफे भी ठाकरे के खिलाफ भाजपा उनके मनमाफिक उम्मीदवार उतारने वाला है,सम्भवतः पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी हो सकते है,भाजपा उम्मीदवार। सर्वपक्षीय हिंदी भाषी की एकता की परीक्षा होगी कि दयाशंकर तिवारी को कितना तवज्जों देते है.
दक्षिण नागपुर : मोहन मते बनाम गिरीश पांडव
जिले का सबसे ज्यादा विवादित चुनाव क्षेत्र अर्थात दक्षिण नागपुर।इस क्षेत्र के वर्त्तमान विधायक मोहन मते को दोबारा उम्मीदवारी दी गई है,लेकिन भाजपा नेता गडकरी के लोकसभा चुनाव में उम्मीद के अनुरूप साथ न देने के कारण गडकरी अच्छे खासे नज़र आ रहे है. उधर कांग्रेस ने यह सीट शिवसेना उद्धव ठाकरे से अपने पक्ष में लेकर गिरीश पांडव को उम्मीदवार बनाने जा रही है.इनका विरोध शहर कांग्रेस अध्यक्ष फ़िलहाल कर रहे ताकि कुनबी समाज से दूसरा नेता शहर में न पनपे।लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पांडव को हरी झंडी दे दी है.यहाँ सीधा टक्कर होने वाला है,5000 मतों के अंतर से पुनः चुनाव परिणाम आने वाला है,जितने वाला 5000 से 10000 मत अधिक लेगा।