काटोल :-प्रदेश में बेमौसम बारिश से रबी के फसलों गेंहू, चना,साग सब्ज तथा संतरा बागानों को भारी नुकसान हुआ है।एक ओर कृषि उपज को कोई मूल्य नहीं है तो दूसरी ओर किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड रहा है। जिसमे विदर्भ प्रांत मे 06तथा 07मार्च को तेज हवाओं के साथ प्रचंड मेघ गर्जना के साथ बेमौसम बारिश ने संतरे के कैलिफोर्निया कहे जाने वाले काटोल तहसील में संतरे की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।वर्तमान में मृग बहार में संतरे की नयी फसल संतरा बागानों में लगी हुई है। संतरे तोडने पर आ गये हैं ,कुछ संतरे बागानों के संतरे की फसल बाजार आ रही है। अधिकतर संतरा बागान किसानों ने संतरे नहीं अभी भी नही तोडे हैं। 07मार्च मंगलवार को काटोल तहसील में सुबह से तेज आंधी के साथ प्रचंड मेघ गर्जना के साथ ही बेमौसम बारिश शुरू हो गयी। नतीजा यह हुआ कि पेड़ पर संतरे की एक बड़ी बड़ी बूंदों की बौछार के चलते संतरों के फलो का भारी नुकसान हुआ. तथा संतराफल खेत में ही गीर कर सड़ रहे है। इसमें किसान को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
काटोल तालुका के चंदनपर्डी, कचारिसवांगा, मेटपांजरा, पंचधार, रिधोरा, के इलाकों में बेमौसम बारिश से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। संतरा किसान को अभी भी पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई नहीं हुई है। कपास का कोई भाव नहीं है। ऐसे में किसान असमंजस में फंस गया है। पिछले वर्ष के मुआवजे का भुगतान करें? बै मौसम बारिश तथा तेज आंधी के चलते संतरा बागानों में जि प सदस्य सलिल देशमुख, जि प के पुर्व उपाध्यक्ष चंद्र शेखर चिखले, सभापती संजय डांगोरे द्वारा कृषि, राजस्व, ग्राम विकास, पंचायत समिती के संबधित अधिकारीयों के साथ तुफानी बारिश से प्रभावित संतरा बागानों का निरिक्षण किया.
साथ ही संतरा उत्पादक युवा किसानों मोरेश्वर भोयर, कपिल मानकर, सतीश पुंजे,चेतन पवार, नितिन ठवले,गौरव वंजारी, सागर मानकर, शरद सोनोने, राजेश गनोरकर ने की है।