आबकारी विभाग की सुस्त अवैध शराब विक्रेता मस्त

संवर्धनाय राजकोषाय  प्रतिपालनाय! के ब्रिद वाक्य पर ही सवालीया  निशान
काटोल तहसील में शराब की अवैध तथा नकली शराब बिक्री  जोरों  पर!
राज्य आबकारी विभाग की चुप्पी के चलते अवैध  शराब  का गोरखधंदा जारी?
काटोल संवाददाता – आबकारी  विभाग  द्वारा अवैध  शराब के निर्माण, बिक्री एवं  तस्करी  की रोकथाम  हेतु  नियमित रूप  से कार्यवाही कर  राज्य  सरकार  के राजस्व  को चूना लगाने  से बचाने  के लिये  आबकारी विभाग के  वरिष्ठ अधिकारीयों  तथा  जिला  प्रशासन द्वारा  लगाम  कसी  जाने  की मांग  कोंढाली  नगर  युवा  संगठणों  द्वारा  की गयी है । तथा बताया की-
राज्य के  आबकारी विभाग  का ब्रिद(घोषवाक्य) वाक्य *संवर्धनाय राजकोषाय प्रतिपालनाय*  जो  राज्य  सरकार  के खजाने  में  प्रतिपूर्ति  करते हैं । लेकिन  म प्र से अवैध  मार्ग  से लाई गयी एवंअवैध शराब  विक्रेताओं द्वारा बिक्री वाली शराब  से  राज्य  के राजस्व  को भारी  चूना  लगाया जा  रहा है। जिससे *संवर्धनाय राजकोषाय  प्रतिपालनाय*   इस  घोष  वाक्य पर  ही कुछ  हद तक  प्रश्न  चिन्ह उपस्थित  होने  लगा है ।  प्राप्त जानकारी के अनुसार   राज्य के उपराजधानी   से सटे  मध्यप्रदेश से  आनेवाली  तथा काटोल  के आसपास के  ग्रामिण  आंचल के काटोल तालुका  के पुलिस थानों, राज्य राजमार्गों, एवं राष्ट्रीय राजमार्गों तथा तहसिल के गांवों  के साथ  समिपस्थ  वर्धा  जिले की तहसीलों  में बड़े पैमाने पर अवैध शराब कि तस्करी तथा   बिक्री बड़े पैमाने पर होने  अनेक  शिकायते  मिली है. फिर भी  जिला आबकारी प्रशासन के  तहसील  तथा काटोल  उपविभागीय क्षेत्र नियुक्त आबकारी  अधिक्षक,  स उ नि आबकारी द्वारा दिखावटी  कार्यवाही तथा अर्थ पुर्ण  चुप्पी साधे रहने  से नागरिकों में असंतोष का माहौल  बनता जा रहा है,।
                                         काटोल  के आबकारी विभाग के कार्यालय  को सदैव  लटका  रहता  ताला
काटोल-पारडसिंगा-मूर्ति, रिधोरा, कचारी सवांगा, बाजारगांव (चाकडोह), राज्य मार्ग, राज्य राज मार्ग, राष्ट्रीय राज मार्ग पर संचालीत ढाबे, रिसॉर्ट, बार, के  साथ  साथ  सरकार द्वारा  मंजुरी  प्राप्त  शराब की दुकानें के साथ-साथ सैनिटायजर के उपयोग  में  लाये  जाने वाले अल्कोहोल  से  देशी (नकली)  शराब की बिक्री जोरों पर शुरू  होनें  की जानकारी  प्राप्त  हुई   है। अब  राज मार्ग के  अधिकांश सभी  होटल  ढाबों पर यह सभी खुले  तौर अवैध  शराब बिक्री  जोरों पर शुरु है।, राजमार्गों  के ढाबे तो पुलिस  के आशिर्वाद  के बिना  कैसे  शुरू  रह सकते है?,  वहा  खाने  के साथ  शराब  वह भी नकली  परोसी  जने  की पुख्ता  खबर  एक शराब विक्रता   द्वारा  नांम ना छापने  पर बताया  की शराब  का स्वाद  ही बदला  बदला सा लगता है। *जो भी मिल  जाय क्या करना*  राजमार्ग के किनारे उद्योग  समुहों में सामान  यातायात करने  वाले ट्रक ड्राइवरों और कंडक्टरों तथा सहकर्मी,और ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश युवा व्यसनाधीन  होते  जा रहे हैं। कोरोना संकट काल में सरकारी शराब की दुकानों, बियर बारों तथा संचालन पर कडे नियमावली  का लाभ काटोल के कुछ अवैध शराब बनाने वालों को हो रहा जो निजी वाहनों से गावों तक अवैध एवं नकली शराब का परिवहन कर रहे है। बताया जाता है। की सार्वजनिक स्थानों पर शराब के नशे में अभद्र भाषा का उपयोग  किया जाता है। जिसका  खामियाजा  महिलांओं  को भुगतना पड़ता है। इस बाबद कोई भी शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आने की वजह अवैध शराब की बिक्री व शराब का कारोबार बढ़ गया है। कई लोगों की जिंदगी  इस से तबाह  हो रही है। युवा,मजदूर शराब के आदी होते  नजर आ रहे है. । नशेड़ियों के घरों में हिंसा बढ़ गई है और शराब की तस्करी को रोकने के लिए कोई पहल नहीं हो  रही।
 आम नागरिक शराब विक्रेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं करते क्योंकि वे डरे हुए हैं। इसके चलते शराब बेचने का धंधा जोरों पर बताया  जा रहा है।आदि मेंअवैध शराब की बिक्री जोरों पर है. वहीं  आबकारी विभाग शराब कारोबारियों के खिलाफ  कार्रवाई के बजाय आंखें मूंदे रखना ही उचीत  समझते  है। वहीं  कोंढाली  से वर्धा जिले के वर्धा, सेलू, करंजा, आष्टी, तालेगांव के  तालुकाओं में भी अवैध तथा नकली शराब की आपूर्ति  कटोल तथा कोंढाली से बिक्री  किये भेजे  जाने  की खबरे  है. इस पर  अब आबकारी विभाग के तहत ढाबों, रिसॉर्ट, शराब की दुकानों और बीयर बार के माध्यम से कडी  जांच  कि आवश्यकता  बताई गयी है । नागपुर जिला आबकारी अधीक्षक, उपविभागीय  आबकारी  अधिकारी  तथा आबकारी निरीक्षक  उप निरिक्षक  द्वारा काटोल-कोंढाली-परडसिंगा, मूर्ति से अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए उचित कदम  उठाये  तभी अवैध शराब उत्पादक और विक्रेताओं पर नकेल कसी जा सकती हैं.  ऐसा स्थानीय लोग कह रहे हैं. वहीं  नागपुर तथा  वर्धा जिले के  में  बेची  जाने वाली अवैध  शराब  को नागपुर  रेंज  के  पुलीस महासंचालक  द्वारा  कडे  कदम उठाने  की आवश्यकता  की मांग  भी की गयी  है।
आबकारी  विभाग के स्थानिय  उप निरिक्षक  तथा निरिक्षकों  द्वारा वैध तथा अवैध  शराब  व्यवसायियों से  अर्थपुर्ण  संबधों  के चलते मासीक  वसुली को भी बढाने  की बात  भी कही  जा रही है?पर अवैध शराब बिक्री  करने वालों पर  कार्यवाही करने  की बात आयी  तो!  यह  काम  आबकारी विभाग के पास  मैन पावर  कम  होने  की दुहाई  दे कर पल्ला  झाडने  की बात  सामने  आती है।
किसका  है वरहस्त
काटोल तहसील  के  चारों  कोनों पर अवैध तथा परप्रांतीय शराब  बिक्री  जोरों  पर है।अवैध तथा परप्रांतीय  शराब  बिक्री  से  राज्य  के राजस्व  को चूना  लगाया जा रहा है ।इस  के लिये  सोशल  मिडीया  के  माध्यम  से नागपुर  के आबकारी अधिकारी  तथा मुंबई  ऑनलाईन   शिकायत  की गयी  फिर भी   काटोल  तहसील  की  अवैध  शराब की  बिक्री   कोई  असर नही हो रहा। यहां  के  आबकारी  अधिकारीयों  के तबादले  हुये,नये अधिकारी  आये  पर अवैध  दारू विक्री  पर नकेल  नही  कसी जा रही । आखरी किनका  वरदहस्त  है । यह प्रश्न  भी   उपस्थित  हो रहा है ।

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