कही सपना बनकर न रह जाएं छोटे शहरों को जोड़ने वाली “ब्रॉडगेज मेट्रो”

– २०१४ में केंद्रीय मंत्री गडकरी को दी थी विस्तृत जानकारी,10 वर्ष बाद भी ब्रॉडगेज मेट्रो पटरी पर नहीं

 नागपुर :- नागपुर शहर में मेट्रो ट्रेन चलाने के साथ ही अब नागपुर से बूटीबोरी, रामटेक, वर्धा, कामठी, कन्हान, कलमेश्‍वर, काटोल, छिंदवाड़ा, चंद्रपुर, अमरावती, नरखेड व भंडारा, गोंदिया शहर तक ‘ब्रॉडगेज मेट्रो रेल’ सेवा शुरू करने का प्रस्ताव अब भी पटरी पर नहीं उतर पाया है। मानो अब वह सपना लगने लगा है। कोई भी ऑपरेटर ब्रॉडगेज मेट्रो चलाने के लिया आगे नहीं आया है। जिससे पुन: यह रेलवे के पाले में चला गया है। जबकि नागपुर के सांसद व केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से क्षेत्र वासियों को बड़ी आशा थी की जल्दी की ब्रॉडगेज मेट्रो की सुविधा उपलब्ध होगी।

ब्रॉडगेज मेट्रो को भी 2023 के बजट में मंजूरी मिली है। बजट में ब्राडगेज मेट्रो का नाम बदल कर वंदे मेट्रो ट्रेन कर दिया गया है। जिससे इस ट्रेन के जल्द ही शुरू होने की उम्मीद बढ़ी थी। लेकिन अब भी इस पर कोई काम होते नही दिख रहा है। कही रेलवे के अन्य योजनाओं की तरह यह भी सपना हों बन जाए! डा. प्रवीण डबली ने नितिन गडकरी से मांग की है की आगामी पूर्ण बजट में इसे चलाने की तारीख की घोषणा की जाए।

इस ब्रॉडगेज मेट्रो का सुझाव भी प्रवीण डबली ने 2014 में नागपुर के सांसद नितिन गडकरी को दिया था। जिसमें कहा गया था की नागपुर शहर को आस पास के शहरों को जोड़ने के लिए व अप डाउन करने वाले नौकरी पेशा यात्रियों के लिए फास्ट पैसेंजर चलाई जाए। जिसे बाद में गड़करीजी ने ब्रॉडगेज मेट्रो नाम दिया। अब उसे 2023 के बजट में वंदे मेट्रो ट्रेन नाम दिया गया।

ज्ञात हो की 2011-12 में ZRUCC सदस्य रहते हुए SECR के तत्कालीन महाप्रबंधक अरुणेद्रकुमार को भी इस तरह की शहरों को जोड़ने वाली मेट्रो की तर्ज पर ट्रेन चलने का प्रस्ताव डॉ. प्रवीण डबली ने दिया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे भी इसे चलाने के पक्ष में नहीं है। लेकिन मंत्री महोदय के दबाव में हामी भर इसे टाला जा रहा है। ज्ञात हो कि जुलाई 2018 में माझी मेट्रो व रेलवे में बड़ी धूम धाम से एम. ओ. यू. साइन हुआ था। लेकिन 10 साल बीतने के बाद भी उस पर कार्य तेजी से शुरू नही हुआ। शहर वासी ब्रांडगेज मेट्रो की प्रतीक्षा कर थक गए है।

पर्व जेड आर यू सी सी सदस्य डॉ. प्रवीण डबली ने रेल प्रशासन व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मांग की है की नागपुर में ब्रॉडगेज मेट्रो को चलाने के तारीख की घोषणा आगामी मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में हो जाए।

उपलब्ध रैक पर ही चलाए फास्ट मेमू

डॉ. प्रवीण डबली ने कहा है कि रेलवे आज ही गाड़ियों का संचालन कर सकती है सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है। वर्तमान में उपलब्ध रैक का उपयोग कर आज ही फास्ट मेमू (मेट्रो) चल सकती है। मंत्री महोदय चाहे तो आज ही इस सेवा के शुरू करने की तारीख निश्‍चित कर घोषणा की जा सकती है। ताकि नौकरी पेक्षा वर्ग व नागपुर शहर के आस-पास के छोटे शहरो को जोड़ा जा सके|

ज्ञात हो की नागपुर से आसपास के छोटे शहरों को जोड़ने के लिए फास्ट मेट्रो (मेमू) चलाने का प्रस्ताव तत्कालीन जेड आरयू सीसी सदस्य डॉ. प्रवीण डबली ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को दिया था। तब से अब तक वे इस प्रस्ताव को हरेक फोरम पर उठाते रहे है| यही प्रस्ताव २०१४ को जब भाजपा की सरकार बनी तो डा प्रवीण डबली ने इस प्रस्ताव सहित अनेक मांगों का ज्ञापन केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को सौंपा था और उन्हें शहर की जरूरत व रेलवे से आम आदमी की अपेक्षाओं को विस्तार से समझाया था| उस प्रस्ताव में एक प्रस्ताव यह भी था कि मेट्रो की तर्ज पर कन्हान से बुटीबोरी व रामटेक को जोड़ा जाए| इस हेतु ५ डिब्बों की एक स्पेशल सुपर फॉस्ट पैेसेजर ट्रेन चलाई जाए| साथ ही ट्रेन नं. ३२८ के रैक का उपयोग कर चंद्रपुर व कटंगी के बीच भी मेट्रो की तर्ज पर फॉस्ट पैसंजर चलाई जाएं ताकि रामटेक, कन्हान, कामठी कलमेश्‍वर, काटोल व भंडारा-गोंदिया से नौकरी के लिए नागपुर अप-डाऊन करने वाले यात्रियों को सुविधा हो सके| इससे पहले यह प्रस्ताव नागपुर में २३-९-२०१३ को नागपुर आए तत्कालिन रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी को भी डॉ. प्रवीण डबली ने दिया था| २०१२ से द.पू.म.रेलवे में जितने महाप्रबंधक हुए उन्हें भी यह प्रस्ताव दिया गया था| रेलवे बोर्ड पर अध्यक्ष रहे अरूणेद्रकुमार ने इस प्रस्ताव को तत्वतः मंजूरी भी दी थी|

इस कार्य में महामेट्रों के सहभाग से अब रेलवे को यह प्रस्ताव दिया गया व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से इसे मंजूरी मिल गयी है| मेट्रो की तर्ज पर ट्रेने चलाने के बाद पैसेंजर व मेमू ट्रेनों को बंद कर दिया जाएगा| इन्ही ट्रेनों के समय पर भी उपलब्ध ट्रैक पर मेट्रों ट्रेने चलाई जा सकती है|

ज्ञात हो की रामटेक -कन्हान- बूटीबोरी के बीच फॉस्ट पैेंसेजर चलाने के प्रस्ताव को तत्कालीन मंडल रेल प्रबंधक वर्मा ने इस प्रस्ताव की गंभीरता को समझते हुए अपने द.पू.म.रेलवे के भाग में इसे चलाने के लिए तत्वत मंजूरी दी व नागपुर से बुटीबोरी के बीच का भाग मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है इस हेतु उन्हें २८-२-२०१४ को पत्र लिखकर मंजूरी के लिए प्रस्ताव दिया| लेकिन २ वर्ष बाद मध्य रेलवे ने ट्रैक पर जगह उपलब्ध नहीं होने का कारण देकर इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान नहीं की| यदि अधिकारियों ने उस समय क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए अपनी मानसिकता बदली होती तो आज मेट्रों की तर्ज पर ट्रेने चल चुकी होती| नागपुर शहर महाराष्ट्र की उपराजधानी है| नागपुर शहर का तेजी से विकास हो रहा है| उसका दायरा भी २५ कि.मी. तक बढ़ा दिया गया है| मिहान, कार्गो हब, कलमना में अनाज मंडी व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों का विकास हो रहा है| ऐसे में रेलवे की भूमिका भी महत्वपूर्ण है|

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