(संकल्प यात्रा के माध्यम से शीतकालीन सत्र में 20 हजार से अधिक कामगारों का विधान भवन पर महामोर्चा का आयोजन)
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भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्मस्थली वर्धा जिले के आर्वी गांव से संकल्प यात्रा का प्रारंभ।
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नागपूर :- भारतीय मजदूर संघ विदर्भ प्रदेश की ओर से 28 दिसंबर को विधान भवन में 20 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं का भव्य मोर्चे का आयोजन किया गया है।यह जानकारी विदर्भ प्रदेश की अध्यक्षा शिल्पा देशपांडे और विदर्भ प्रदेश के महामंत्री गजानन गटलेवार ने नागपुर में हुई कार्यसमिति की बैठक में दी।
केंद्र सरकार की ओर से देश में सार्वजनिक उद्यमों का बड़े पैमाने पर निजीकरण किया जा रहा है तथा राज्य सरकार के विभिन्न उद्योगों में कार्यरत ठेका मजदूरों का आर्थिक शोषण बड़े पैमाने पर जारी है। कामगारों को न्याय, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व मंडलों में कार्यरत कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न निजी औद्योगिक संगठनों व कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर महामोर्चा का उद्देश्य है।
इसके लिए संकल्प यात्रा 12 दिसंबर को भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्मस्थली वर्धा जिले के आर्वी गांव से प्रारंभ होकर विदर्भ के 11 जिलों से होकर गुजरेगी. संकल्प यात्रा का उद्देश्य मजदूरों की समस्या को न्याय दिलाना और वहां से ऊर्जा लेकर जनजागृति करना है। संकल्प यात्रा पुरब विदर्भ और पश्चिमी विदर्भ ऐसे दो भागों में बांटा गया। इस क्षेत्र के नागपुर, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, भंडारा, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला, बुलढाणा, वाशिम जिलों से भारतीय मजदूर संघ के 20,000 से अधिक संख्या में कर्मचारी, मजदूर, खेत मजदूर इस भव्य महामोर्चा में भाग लेंगे।
हजारों की संख्या में कार्यकर्ता केंद्र सरकार व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ तीखी आलोचना का विरोध कर अपना रोष व्यक्त करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों की वर्तमान स्थिति एवं विभिन्न प्रकार की श्रमिक समस्याओं के संबंध में राज्य सरकार को तथा राज्य सरकार के माध्यम से भारत सरकार को भारतीय मजदूर संघ की ओर से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए निवेदन दिया जायेगा।
भारतीय मजदूर संघ मोर्चे की महत्वपूर्ण मांगें – 1) राज्य सरकार द्वारा स्थापित सुरक्षा गार्ड बोर्ड का एकत्रीकरण किया जाए। 2) विभिन्न उद्योगों में कार्यरत ठेकेदारी कर्मियों को नियमित किया जाए। 3) प्रदेश में सहकारी पत संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन कानून लागू कर उनकी पीएफ व जीवन बीमा निगम की योजना प्रारंभ की जाए। 4) राज्य विद्युत बोर्डों में बड़ी संख्या में कार्यरत ठेकेदारी कर्मचारियों का नियमितीकरण 5) भवन एवं अन्य निर्माण कल्याण बोर्डों में श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। 6) एम आई डी सी क्षेत्र में कार्यरत ठेकेदारी व स्थायी कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर आर्थिक शोषण हो रहा है, उन्हें श्रम कानून के अनुसार लाभ व मजदूरी दी जाए। 7) नागपुर उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग में छिड़काव करने वाले कर्मचारियों को स्थायी सेवा में लिया जाना चाहिए। 8) आंगनवाड़ी क्षेत्र में नागपुर स्थित मानव नगर केन्द्र में अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर पदोन्नति में अनियमितता की गई है और जांच में दोषी पाया गया है, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्हें तत्काल सेवा से निलंबित किया जाए। 9) कई आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता वरिष्ठ होने के बावजूद पदोन्नति से वंचित हैं। उनके खिलाफ हो रहे अन्याय को तुरंत दूर किया जाना चाहिए।10) राज्य सरकार के जिला औद्योगिक आई.टी.आई. प्रशिक्षण संस्थान में पन्द्रह वर्ष से अधिक समय से एकमुश्त वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को शासन की नीति के अनुसार सेवा में सम्मिलित किया जाये। 12) महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के कर्मचारियों को सरकार के निर्णय के अनुसार केंद्र सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। 13) प्रदेश की विभिन्न सहकारी समितियों में कार्यरत समूह सचिव कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। 14) बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के जाति सत्यापन का मामला तत्काल निपटाया जाए। 15) महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन की जिम्मेदारी सरकार को स्वीकार करनी चाहिए। 16) नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे गढ़चिरौली, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया में कार्यरत सभी ठेकेदारी कर्मियों को सरकारी नियमानुसार नक्सल भत्ता दिया जाए।17) प्रदेश के विभिन्न अभ्यारण्यों में कार्यरत समस्त गाइड कर्मचारियों को वन विभाग की शासकीय सेवा में समाहित किया जाये। 18) ई पी एफ पेंशन 10000/- रुपये प्रति माह होनी चाहिए। 19) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक में वृद्धि कर उन्हें शासकीय सेवा में समायोजित करना। 20) रक्षा उद्योगों का निगमीकरण वापस लिया जाए। 21) बैंक, जीवन बीमा निगम क्षेत्र और रेलवे का निजीकरण वापस लिया जाना चाहिए। 22) पेट्रोल, डीजल और गैस को जी एस टी के अंतर्गत लाओ और महंगाई को नियंत्रण में लाओ। 23) बीड़ी उद्योग में कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी का प्रभावी कार्यान्वयन तत्काल किया जाए। 24) राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए और 25) असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोड तत्काल लागू किया जाए और सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से लाभ प्रदान किया जाए।
यह मार्च सुबह 11 बजे यशवंत स्टेडियम, धंतोली नागपुर से प्रारंभ होकर विभिन्न स्थानों से विधान सभा भवन की ओर महामोर्चा जायेगा।
भारतीय मजदूर संघ विदर्भ प्रदेश की अध्यक्षा शिल्पा देशपांडे के अध्यक्षता में आयोजित महामोर्चा का नेतृत्व भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महासचिव रवींद्र हिमते, राष्ट्रीय उपाध्यक्षा नीता चोबे, राष्ट्रीय मंत्री अशोक शुक्ला, प्रदेश महामंत्री गजानन गटलेवार तथा भा.म.संघ के वरिष्ठ मार्गदर्शक और वरिष्ठ नागरिक महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री वसंत पिंपलापुरे महामोर्चा का नेतृत्व करेंगे।
ऐसी जानकारी भारतीय मजदूर संघ के मिडिया प्रमुख सुरेश चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी.
@ फाईल फोटो