– वामन मेश्राम, वडेट्टीवार, सुप्रिया सुले, एड. भानुप्रताप सिंह सहित अनेक दिग्गज होगे शामिल
नागपुर :- दिल्ली के जंतर-मंतर पर ईवीएम के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में जुटे जनसैलाब के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर ईवीएम के विरोध में मुहिम शुरू की गई है। इसके लिए नागपुर में पहली ईवीएम विरोधी राष्ट्रीय जनपरिषद का आयोजन किया गया है। इंडिया अगेंस्ट ईवीएम के बैनर तले आयोजित यह जनपरिषद शनिवार, 17 फरवरी को शाम 5 बजे कामठी रोड स्थित इंदोरा मैदान पर होगी। जनपरिषद की अध्यक्षता बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम करेंगे।
मुख्य मार्गदर्शक के रूप में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, एड. भानुप्रताप सिंह (दिल्ली), राजेंद्र पाल गौतम (पूर्व मंत्री दिल्ली) रहेंगे। प्रमुख उपस्थिति पूर्व मंत्री सुनील केदार, इंडिया अगेंस्ट ईवीएम कैंपेन की राष्ट्रीय समन्वयक एड. स्मिता कांबले, राष्ट्रीय निमंत्रक प्रीतम प्रियदर्शी, राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्वास पाटील, एड. फिरदौस मिर्जा, बसपा के मीडिया प्रभारी उत्तम शेवडे, वरिष्ठ पत्रकार अमन कांबले, विचारक गुणवंत देवपारे उपस्थित रहेंगे। आयोजन में विविध संगठनों का सहभाग रहेगा, जिसमें समता सैनिक दल, अ.भा. संविधान सुरक्षा दस्ता, समता आरोग्य प्रतिष्ठान, बुद्ध संस्कार संघ, बानाई, फेडरेशन ऑफ आर्गनाइजेशन फॉर सेक्युलेरिस्म, स्कैन, सोशल जस्टिस एंड डेमोक्रेसी, संजीवनी सखी मंच, यूथ फॉर रेवेल्यूएशन, भारतीय मुस्लिम परिषद, मराठा सेवा संघ, जमात-ए-इस्लामी सहित विविध संगठन सहभागी है।
इविएम का मुद्दा अब रास्ते में भी हो चुका है हर राज्य में एवं का विरोध शुरू हुआ है। संगठन के नेता वामन मेश्राम ने कहा है कि, एवं से वोटिंग करना यह नागरिक उनके वोटो की चोरी करने जैसा है। इसलिए सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। अगर ईवीएम मशीन सही है तो मोदी सरकार वैलिड पेपर पर चुनाव करने से क्यों घबरा रही है। दरअसल वैलिड पेपर से चुनाव लिया तो मोदी सरकार का पतन या बीजेपी की हार निश्चित है इसीलिए मोदी सरकार वैलिड पेपर से चुनाव लेने तैयार नहीं है, ऐसा आम मतदाताओं का मानना है।
पदाधिकारियों के वॉट्सएप हैक
जनपरिषद का आयोजन
इंडिया अगेंस्ट ईवीएम संगठन द्वारा किया गया है। संगठन द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार- प्रसार किया जा रहा है, लेकिन इसके प्रचार में मुख्य भूमिका निभाने वाले कुछ पदाधिकारियों के वॉट्सएप हैक किए जा रहे हैं। जैसे ही यह वॉट्सएप पर ईवीएम लिख रहे हैं, वॉट्सएप बंद हो रहा है। किसी तरह का संवाद नहीं हो रहा है। करीब तीन पदाधिकारियों के साथ इस तरह की हरकत हुई है। 24 घंटे तक उनका वॉट्सएप बंद रहने की जानकारी दे र रहे हैं। ऐसे में पदाधिकारियों ने सरकार- प्रशासन पर उनके वॉट्सएप चार्ट की निगरानी करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि वे कोई संदिग्ध या अनैतिक कार्य नहीं कर रहे हैं। फिर क्यों उनके वॉट्सएप बार-बार बंद किए जा रहे हैं।