नागपुर :- शहर में जहां की आबादी करीब 30 लाख के ऊपर हो चुकी है, स्टैंप पेपर विक्रेता खुलेआम स्टांप पेपर जैसे जरूरी साहित्य की भी कालाबाजारी प्रशासन की ठीक नाक के नीचे करने से नहीं हिचक रहे है । मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का शहर होने के बावजूद नागपुरकर आज स्टांप पेपर जैसे जरूरी साहित्य के लिए भी दुगने पैसे देने के लिए मजबूर है । फरवरी मार्च के महीने में स्कूलों में अलग अलग कारणों से एफिडेविट बनाने होते हैं ऐसे समय जिला पहुंचा हुआ विद्यार्थी इन स्टैंप पेपर विक्रेताओं का शिकार हो रहा हैं। यह बात महा. कांग्रेस उपाध्यक्ष विदावत और नागपुर शहर अ. कामगार अध्यक्ष डॉ मेहुल आडवाणी के संज्ञान में आते ही इन्होंने आमदार विकास ठाकरे के मार्गदर्शन में विभागीय जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया । अपर विभागीय आयुक्त तेजुसिंग पवार के समक्ष साक्ष प्रस्तुत किए। कांग्रेस ने मांग की कि तुरंत प्रभाव से ऐसी कलाबाजी करने वाले स्टांप पेपर विक्रेताओं के विरुद्ध कड़ी से कड़ी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाए । यदि सात दिनों के भीतर इस प्रकार की कालाबाजारी फिर से देखने में आती है तो कांग्रेस कमेटी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतरेगी इस चेतावनी के साथ ज्ञापन दिया गया ।
शिष्ट मंडल में सर्वश्री महेश श्रीवास, गजू ठाकुर, जयंता टेंभुरने, अशोक नरवरिया, करण ठाकुर, दिपक शिवनकर, सचिन तिवारी, विमलेश वर्मा, इत्यादि प्रमुखता से उपस्थित थे ।