डॉ. प्रवीण डबली के प्रयासों से निधि के हाथों में आयी संवेदना
नागपुर। डॉ. प्रवीण डबली ने कहा कि निधि धर्मेंद्र वानखेड़े (उम्र 5) मौदा, यह छोटी सी बच्ची हमारे पास ढाई वर्ष पहले आई थी। तब उसका बायां हाथ बिल्कुल काम नहीं कर रहा था। उसके पिता ने बताया की जन्म से उसका बायां हाथ काम नहीं कर रहा है। सभी इलाज करवा लिया। लेकिन फर्क नहीं आया। आप प्रयास करें हम उम्मीद लेकर आए है।
ऐसे में क्या कर सकते है? तब हमने कहा हम प्रयास करेंगे। हमने उस बच्ची पर हाथों की उंगलियों से नसों पर स्टीमुलेशन देकर नर्वस सिस्टम को उद्वेलित करने का प्रयास शुरू किए।
ईश्वर का आशीर्वाद हुआ और निधि के हाथों में संवेदना महसूस हुई। हमारी उम्मीद जगी। हमने सप्ताह में एक दिन उसे स्टीमुलेशन थेरपी देना शुरू किया। कुछ ही दिनो में उसके हाथों की हलचल बढ़ती गई… हमें विश्वास हुआ ही अब इसका हाथ काम करने लगेगा। धीरे धीरे उसे हाथ उपर उठाने में आसानी होने लगी। हमने अपने प्रयास जारी रखे। 6 माह में उसके हाथ की उंगलियों में भी संवेदना दिखाई दी। उसके उंगलियों में पकड़ आने लगी। हाथ उपर उठने लगा। हमने प्रयासजारी रखा।
हमने उसके पिता को कुछ एक्सरसाइज सिखाई व घर पर करवाने कहा। उसके बाद कोरोना महामारी की वजह से वे हमारे पास आ नहीं पाए। जनवरी 2022 में वे पुन: हमारे पास निधि को लेकर आए। उसके हाथ में ताकत तो थी पर कम थी।
हमने फिर से उसका पुन: स्टीमुलेशन थेरेपी से उपचार शुरू किया। एक माह में उसकी हाथों की शक्ति में चमत्कारी बदलाव देखा गया। उसके हाथो में डिफरमेटी तो है पर वो पूरी क्षमता से काम कर रहा है। उसके हाथों से सामान पकड़ने में आसानी होने लगी। उसके हाथो में जब संवेदना नहीं थी तो वह अपने बाएं हाथ को दातों से काट लेती थी। लेकिन अब संवेदना आने के बाद उसकी यह आदत भी छूट गई। माता पिता के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने हमारा व ईश्वर का आभार माना।
हम मानते है की उपचार को योग व एक्सरसाइज की साथ मिल जाए तो अच्छे परिणाम हमें मिलते है। अब उम्मीद है बढ़ती उम्र के साथ उसका हाथ भी पूर्ण क्षमता से काम करते रहेगा यही उम्मीद। उसके भविष्य के लिए अनेक शुभकामनाएं।