नागपुर :- भारत गौरव राष्ट्रसंत आचार्यश्री पुलकसागरजी गुरुदेव के 54 वे अवतरण दिवस पर जारी पुलक पर्व के दूसरे दिन इतवारी शहीद चौक, भगवान पार्श्वनाथ मार्ग स्थित श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर में गुरुपूजन, णमोकार विधान का आयोजन किया गया था। मुनिश्री आचरणसागर गुरुदेव ससंघ के सानिध्य में जिनेन्द्र भगवान की शांतिधारा, अभिषेक, गुरुपूजन, णमोकार महामंडल विधान संपन्न हुआ। पं. अभिजीत बंड के मार्गदर्शन में विधान संपन्न हुआ। सहयोगी श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर और युवा शाखा थी।
मुनिश्री आचरणसागर गुरुदेव ने संबोधन में कहा आचार्यश्री पुलकसागर गुरुदेव जिनशासन की प्रभावना कर रहे हैं, कड़क साधना कर रहे हैं। प्रभावशाली संत हैं। ओजस्वी वक्ता के साथ पुलक मंच परिवार के कार्यकर्ताओं को जनसेवा के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन करते आ रहे हैं। पुलकसागरजी के विचार जन जन को प्रभावित कर रहे रहे। जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म हैं। श्रावक भगवान महावीर को मानते हैं लेकिन भगवान महावीर की नहीं मानते। देश के प्रमुख संत आचार्यों में पुलकसागर गुरुदेव हैं। इस समय वह गुजरात के भरूच में विराजमान हैं। राष्ट्रीय जैन महिला जागृति मंच द्वारा मंदिर के सेवकों को अनाज वितरित किया गया।
अभिषेक, पूजन विधान में जितेंद्र गडेकर, मनोज मांडवगडे, विनोद गिल्लरकर, सूरज जैन पेंढारी, राजेश जैन, श्री पार्श्वप्रभु दिगंबर जैन सैतवाल मंदिर के अध्यक्ष दिलीप राखे, विलास गिल्लरकर, सतीश श्रावणे, प्रदीप काटोलकर, डॉ. रिचा जैन, जया गडेकर, रश्मि सोनटक्के, सविता मांडवगडे, अर्चना कहाते, कल्पना सावलकर, प्रतिभा नखाते, मनीषा नखाते, शुभांगी लांबाडे, शीला भांगे, चंद्रकांता कासलीवाल, रीता रांवका, विभा भागवतकर, स्नेहल कहाते, मंगला शिवनकर, स्नुषा खेडकर ने किया। संगीतमय पूजन में सुनील आगरकर, राजेंद्र सोनटक्के, पंकज खेडकर, अनंतराव शिवनकर, प्रभाकर डाखोरे ने किया।
पुलक मंच परिवार के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष मनोज बंड, रमेश उदेपुरकर, दिलीप सावलकर, प्रशांत कहाते, किशोर कहाते, विजय कापसे, शांतिनाथ भांगे, निशिकांत काटोलकर, जगदीश गिल्लरकर, शरद मचाले, प्रफुल्ल रोडे, प्रकाश उदापुरकर आदि उपस्थित थे।