नागपुर :- जिले के सबसे चर्चित पाटनसावंगी के अवैध टोल नाके में एक अजीबोगरीब झोल देखने को मिला. बूटीबोरी निवासी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुजीब पठान की नागपुर सिटी में खड़ी गाड़ी का टोल इस नाके से तब कटा जब गाड़ी वहां से गुजरी भी नहीं थी.
पठान ने इस मामले की शिकायत ग्रामीण एसपी हर्ष पोद्दार से कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया कि पठान की पत्नी रिजवाना के नाम पर घर में एमएच-40-बीई-7111 नंबर की कार है. इस गाड़ी से कभी पठान खुद या कभी-कभार परिवार के सदस्य सिर्फ बूटीबोरी से नागपुर आना-जाना करते हैं. 25 दिसंबर को पठान सिविल लाइंस स्थित एड. साहिल भांगड़े के घर पर मिलने पहुंचे थे. दोपहर को अचानक उनके मोबाइल पर फॉस्टैग अकाउंट से 100 रुपये के डिडक्शन का मैसेज आया. वे हैरान रह गये. उन्होंने अपने चालक को पूछा कि वह कहां है तो उसने बताया कि भांगड़े के बंगले के बाहर ही खड़ा है.
हाईवे अधिकारियों से की शिकायत, कोई एक्शन नहीं
इस गंभीर मामले की शिकायत उन्होंने उसी दिन हाईवे के अधिकारियों से कर दी. हाईवे के टोल फ्री नंबर का शिकायत क्रमांक भी उनको अलाट कर दिया गया लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक टोल नाके के संचालकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. अधिकारियों से संपर्क करने पर कोई भी इस मामले में इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
टोल नाका कर्मियों की मिलीभगत
पठान ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में नेशनल हाईवे विभाग के कुछ अधिकारियों और टोल नाका संचालकों की मिलीभगत हो सकती है. आखिर ऐसे-कैसे हो सकता है कि जब गाड़ी नाके से गुजरी ही नहीं हो तो पैसे कैसे वसूल किये जा सकते हैं. उन्होंने ग्रामीण एसपी से मिलकर इस मामले में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एक्शन लेने का अनुरोध किया. पुलिस से इस बात का भी पता लगाने का आग्रह किया कि क्या कोई ऐसा सॉफ्टवेयर तो नहीं उपयोग में लाया जा रहा जो गाड़ियों में लगे फॉस्टैग का डेटा स्टोर करके रखे और जब मर्जी आए तब इस तरह उससे पैसे वसूल कर लिए जाएं.
जनता से सतर्क रहने की अपील
पूरे मामले के खुलासे के बाद पठान ने आम सतर्क रहने की अपील की है. जब भी टोल नाके से होकर सफर करें तब यह सुनिश्चित जरूर करें कि उतना ही पैसा दिया जाए जितना निर्धारित हो. साथ ही यह भी देखें कि क्या आने-जाने के बाद भी उन नाकों से कोई अवैध वसूली की जा रही है. उल्लेखनीय है कि पाटनसावंगी का नाका हटाने की मांग बीते कई वर्षों से हो रही है. 5 वर्ष पहले लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस नाके को हटाने का आश्वासन दिया था. उसके बाद भी यह बदस्तूर चल रहा है.