नागपूर :-खापरखेड़ा के चर्चित जगमोहन शाक्य हत्याकांड में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश ने आरोपी दंपति को आरोप सिद्ध न होने के कारण बरी कर दिया.
सिल्लेवाड़ा निवासी बृजमोहन शाक्य और उसकी पत्नी दमयंती शाक्य पर उनके भाई जगमोहन शाक्य की हत्या का मुकदमा चल रहा था. 2 जुलाई 2022 के दिन जगमोहन शाक्य की पत्नी सुनीता ने खापरखेड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी कि 28 जून 2022 की सुबह 7 बजे उसका अपने पति ने साथ झगड़ा हो रहा था. उस समय घर के बगल में रहने वाली जेठानी दमयंती उनका झगड़ा सुन रही थी. यह देखकर सुनीता ने दमयंती को फटकार लगाते हुए कानाफूसी न करने की सलाह दी थी.
इस बात पर दमयंती ने अपने पति बृजमोहन और बेटे सुजीत को बुलाया. वहां उनका आपस में विवाद हो गया. जिस वजह से बृजमोहन, दमयंती और बेटे सुजीत ने मिलकर सुनीता और उसके जगमोहन के साथ जमकर मारपीट की. जगमोहन को ज्यादा चोट लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. उस समय सुजीत नाबालिग होने की वजह से उसके खिलाफ बाल न्यायलय में दोषारोप पत्र दाखल किया गया. बचावपक्ष के अधिवक्ता रमेश रावलानी और अतुल रावलानी ने कोर्ट में दलील पेश की.
उन्होंने न्यायालय को बताया कि रिपोर्ट घटना के 7 दिन बाद दाखिल की गई है. मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार जगमोहन दिनांक 26 जून 2022 से अस्पताल में भर्ती था. इसलिए घटना की तारीख 28 जून फर्जी है. बचावपक्ष ने बताया कि जगमोहन 2 दिन तक होश में होने के बावजूद उसने अस्पताल में घटना के बारे में डॉक्टर या पुलिस को जानकारी नहीं दी. मृतक जगमोहन को गांजे और शराब की लत थी. इसकी वजह से उसकी मृत्यु अन्य बीमारी होने की भी संभावना हो सकती है. दोनों पक्षों की दलील सुनकर न्यायालय ने शक का फायदा देते हुए दोनों आरोपी को बरी कर दिया.