सफेदपोश नेताओं खासकर सत्ताधारियों के लिए कोई नियम-कानून नहीं 

– पारडी उड़ान पुलिया का उद्घाटन अवसर पर बिना हेलमेट पहने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बाइक चलाई 

नागपुर :- ‘आम को दंड और खास को छूट’ यही परम्परा हैं राज्य या केंद्र सरकार और उनके अधीनस्त विभागों का.रोजाना हेलमेट न पहन वाहन चलाने वाले,बिना कागजात रखे वाहन चलाने वाले,बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को चौराहों पर तैनात राज्य गुह मंत्रालय अंतर्गत आने वाली यातायात पुलिस धर दबोच रही हैं,कहीं खुलेआम दबोच रही तो कहीं छिप कर अटैक कर रही.

उक्त कानून कायदा सिर्फ आम और कमजोर नागरिकों के लिए हैं.जो पकडे जाने पर कम से कम 500 रूपए अधिकतम 1500-2000 रूपए का जुर्माना भर रहे हैं.जिसने जगह पर समझौता कर लिया,उसे 100 से लेकर 300 रूपए में न सिर्फ छोड़ दिया जाता है,बल्कि मोबाइल से खींचे गए उनके फोटो भी डिलीट कर दिया जाता हैं.

कल विवादास्पद पारडी पुलिया का उद्घाटन हुआ,एक दिन पूर्व इसी पुलिया के कामकाजों का नितिन गडकरी ने मुआयना किया क्यूंकि कल वे दिल्ली में थे तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के हाथों इस पुलिया का उद्घाटन करवाया गया.

उद्घाटन के चक्कर में न उद्घाटक और न कार्यकर्ता सह समर्थक पूर्ण पुलिया का दौरा किया,वह भी बाइक से,लेकिन किसी ने भी न हैलमेट पहना,उद्घाटक के पास तो न लाइसेंस था और न गाड़ी के कागजाते,यातायात पुलिस मूक प्रदर्शन कर रही थी,क्यूंकि सत्ताधारी नेता सह कार्यकर्ताओं का काफिला जो कानून की धज्जियां उड़ा रही थी.

शहर पुलिस की यातायात विभाग का रोजाना का मुख्य कार्य एकसूत्री कार्यक्रम जगह जगह पर तैनात होकर बिना हेलमेट धारी,छोटे मालवाहक गाड़ियों को दबोचना और विभाग सह खुद की जेब गर्म करना,सिर्फ इतना ही काम रह गया हैं.क्या यातायात पुलिस की ‘कथनी और करनी’ में अंतर ख़त्म होगा या फिर परंपरा को कायम रहते नियमों का उल्लंघन होता रहेगा।

उल्लेखनीय यह है कि बात बात पर हाजिर जवाब देने वाली सत्ताधारी नेता,मंत्री की आज चुप्पी समझ से परे हैं क्या यही शिष्टाचार हैं ?

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