– शांति नगर कलमना ओवर ब्रिज का कछुआ गति से चल रहा निर्माण कार्य बना लोगों के जी का जंजाल
– 12 हजार 600 लाख रुपये की लागत से बन रहा हैं शांति नगर कलमना ओवर ब्रिज
– 24 महीने का समय,पौने दो साल में भी पूरा नहीं हुआ फ्लाय ओवर
नागपूर :- पिछले पौने दो वर्षों से शांति नगर के कावळापेठ रामसुमेर कुत्ते वाले बाबा आश्रम से लेकर कलमना रेल्वे स्टेशन तक ओवर ब्रिज का काम कछुआ गति से शुरू हैं.
12,,600 लाख रुपये की लागत से बन रहे इस ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने करकमलों से किया था.
यहाँ निर्माण कार्य से संबंधित लगे फलक पर ठेकेदार सी एस कंस्ट्रक्शन का नाम और कार्य पूर्ण होने की अवधि 24 महीने लिखी हुई हैं.जबकि पिछले पौने दो सालों से कछुआ गति से जारी निर्माण कार्य को देखकर ऐसा लगता हैं कि इसके निर्माण को पूरा होने में अभी और भी 24 महीने का समय लग सकता हैं.
धीमी गति से चल रहें निर्माण कार्य के चलते पूरे रास्तों पर जानलेवा गड्ढे, सड़कें धूल मिट्टी और कीचड़ से पटी हुई हैं.
सड़कों पर जगह-जगह बड़े बड़े गड्ढों के कारण हर दिन यहाँ वाहन चालक दुर्घटनाओं में अपने हाथ पैर सिर तुड़वा रहे हैं.
जहरीले धूल के कणों से लोगों का स्वास्थ्य खराब होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
बरसात के दिनों में रास्तों पर जहां तहाँ कीचड़ ही कीचड़ जमा रहता हैं जो तेज दौड़ते वाहनों के कारण सड़कों के किनारे बनी दुकानों मकानों पर उड़ता हैं.
इस मार्ग पर चलने वाले वाहन चालकों के साथ साथ पैदल चलने वाले नागरिकों की भी मुसीबतें काफी बढ़ गयी हैं.आते जाते कपड़े कीचड़,धूल मिट्टी से खराब हो रहे हैं.
शहर में जगह-जगह जारी धीमे विकास कार्य और शासन प्रशासन,ठेकेदारों की लापरवाही आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में जहर घोलने का काम करते हुए नजर आ रही हैं.
शासन प्रशासन द्वारा विकास कार्य करते हुए आम जनता को किसी भी प्रकार की तकलीफ ना पहुंचे इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं.
स्कूल महाविद्यालय जाने आने वाले विद्यार्थीयों के साथ साथ आम नागरिकों के भी वाहन फिसलने,कपड़े गंदे होने,वाहनों को नुकसान पहुंचने की घटनाएं आम बात हो गई हैं.
पीड़ित स्थानीय नागरिकों ने इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए इस निर्माण कार्य पूरा होने तक सड़कों की एक बाजू से डांबर की पक्की सड़क निर्माण करने की शासन प्रशासन से मांग की हैं.साथ ही नीयत समयावधि के अंदर काम पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना,सजा देने और उनका ठेकेदारी का लायसंस आजीवन रद्द करने की मांग स्थानीय नागरिकों ने सरकार से की हैं.