– जुर्माने सहित लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान
नागपुर –मोटर वाहन कानून के अनुसार पीयूसी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र अनिवार्य है वह ना होने पर वाहन चालकों को पुलिस अथवा आरटीओ कार्यालय की जांच में भारी जुर्माना व छह माह की सजा भी हो सकती है तथा बीमा कंपनी द्वारा उसे अश्विक दावा अस्वीकार किया जा सकता है। इसके अलावा 3 माह के लिए लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
बढ़ते प्रदूषण के तहत केंद्र सरकार ने मोटर वाहन कानून के अनुसार भारी जुर्माने का प्रावधान किया है दुपहिया हो अथवा चार पहिया सभी वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र शक्ति का है प्रमाण पत्र के बिना वाहन चालक पकड़ा गया तो जुर्माना हो सकता है तथा 6 माह का कारावास का प्रावधान नए नियम में है मोटर वाहन कानून के अनुसार देश के bs1, bs2, bs3, bs4 सीएनजी और एलपीजी ऐसे सभी वाहनों को पीयूसी बंधनकारक है।
वाहनों से प्रदूषण नहीं होता इसकी गारंटी देने वाला प्रमाण पत्र यानी पीयूसी प्रमाणपत्र है। वह विशेष जांच केंद्र पर बनाया जाता है इसमें वाहनों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड ऐसे वायु की जांच की जाती है इसके बाद भी उसी प्रमाण पत्र दिया जाता है वाहन चालक के पास पीयूसी नहीं होगी तो दुपहिया के लिए 2000 और चार पहिया के लिए ₹4000 जुर्माने का प्रावधान है अगर वाहन चालक मालक एक ही होगा तो मात्रा यह राशि दुपहिया से 1000 फोर व्हीलर के लिए ₹2000 है.
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